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डीयू प्रशासन के खिलाफ AADTA श‍िक्षकों ने की 12 घंटे की भूख हड़ताल

गवर्निंग बॉडी के गठन और एडहॉक श‍ि‍क्षकों का विस्थापन रोकने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के आम आदमी पार्टी श‍िक्षक संगठन ने 12 घंटे की भूख हड़ताल की. श‍िक्षकों ने डीयू प्रशासन की ओर से गवर्निंग बॉडी का गठन न किए जाने को तानाशाही रवैया बताया.

श‍िक्षकों ने की भूख हड़ताल श‍िक्षकों ने की भूख हड़ताल
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 02 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के मनमानी रवैये के विरोध में आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय शिक्षक विंग (AADTA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक 12 घंटे की भूख हड़ताल की. श‍िक्षक पहले भी कई बार गवर्निंग बॉडी के गठन और एडहॉक श‍ि‍क्षकों का विस्थापन रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. 

दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में श‍िक्षकों ने धरना दिया. एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी व डूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ आदित्य नारायण मिश्र ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 महाविद्यालयों में गवर्निंग बॉडी का गठन होना चाहिए. दिल्ली सरकार ने गवर्निंग बॉडी के लिए नाम भी विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दिया है. 

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इन महाविद्यालयों में बिना गवर्निंग बॉडी के गठन के पदों के लिए साक्षात्कार भी कराया जा रहा है जो कि ग़लत है. इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार ने कुलपति को पत्र भी लिखा था लेकिन उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया. दूसरा महत्वपूर्ण विषय विभिन्न कॉलेज में पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों के विस्थापन से जुड़ा है. वर्षों से पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों को बाहर निकाला जा रहा है. वर्षों से अपनी मेहनत से कॉलेज में शिक्षण कार्य कर रहे श‍िक्षकों को अचानक बाहर कर दिया जाना दुखद है इसलिए समायोजन की मांग को एकमात्र विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए. 

दिल्ली विश्वविद्यालय, आचार्य  नरेन्द्र देव कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन अनिल सैनी के नेतृत्व में 10 अन्य महाविद्यालय के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन भी इस भूख हड़ताल में शामिल हुए. अन‍िल सैनी ने कहा कि गवर्निंग बॉडी न बनाया जाना एक खास हित से प्रेरित है. इसके पीछे राजनीति शामिल है. इस राजनीति से शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं. हमें इस मुश्किल समय में ऐसे प्रतिरोध को जारी रखना होगा. 

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एकेडमिक काउंसिल के मेंबर डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि डीयू प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ हम निरंतर संघर्ष करेंगे और वे जिसतरह से नियमों को ताक में रखकर काम करना चाह रहे हैं, उसे कतई नहीं होने देंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय की ईसी मेंबर डॉ सीमा दास, डॉ . राजपाल सिंह पंवार, डॉ. जे.एल. गुप्ता; एकेडमिक काउंसिल के डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ सी एम नेगी, डॉ.राम किशोर यादव, डॉ. ममता चौधरी, डॉ .सुनील कुमार , डॉ. नरेंद्र पांडेय, डॉ. प्रेमचंद, डॉ. देवनंदन कुमार, डॉ. टी.एन. ओझा, आनंद प्रकाश के अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक इस भूख हड़ताल में उपस्थित रहे. 

 

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