
DU Admission without CUET: 12वीं के बाद छात्र देश के नामी संस्थानों में पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं, जिसमें से एक है दिल्ली विश्वविद्यालय. यहां से पढ़ाई करना कई बच्चों का सपना होता है, जिसके लिए वे सीयूईटी परीक्षा की तैयारी करते हैं. सिर्फ डीयू में एडमिशन लेने के लिए सीयूईटी ही एकमात्र विकल्प नहीं है. बिना सीयूईटी दिए भी डीयू में एडमिशन लेने का एक तरीका है. आइए जानते हैं.
खाली सीटों को भरेंगे विश्वविद्यालय
इस साल जो कैंडिडेट्स सीयूईटी में सफल नहीं हो पाए हैं या फिर सीयूईटी नहीं दिया है वे भी डीयू में एडमिशन ले सकते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया है कि वह नियमित दाखिले की प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद खाली रह गई सीटों को भरने के लिए 12वीं क्लास के नंबरों का इस्तेमाल करेगा. यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जारी की गई एक एसओपी के बाद लिया गया है. यूजीसी ने निर्देश में कहा है कि सभी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की सीटें भरी जाएं.
UGC ने उठाया ये कदम
हाल ही में यूजीसी ने कॉलेज में खाली जा रही सीटों पर चिंता जताई है. यूजीसी ने घोषणा की है कि यदि सीयूईटी स्कोर के जरिए स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों (कोर्सेज) की सीटें खाली रह जाती हैं तो केंद्रीय विश्वविद्यालय अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा (Entrance Examinations) आयोजित कर सकते हैं या योग्यता परीक्षा (क्वालिफाइंग एग्जाम) में अंकों के आधार पर छात्र-छात्राओं को एडमिशन दे सकते हैं.
यूजीसी के एसओपी के अनुसार, विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर सकते हैं या विश्वविद्यालय के सम्बन्धित द्वारा छंटनी परीक्षा (Screening Test) का आयोजन किया जा सकता है. इसके अलावा विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं का दाखिला योग्यता परीक्षा (Qualifying Exam) के प्राप्तांकों के आधार पर भी कर सकते हैं. इन दो तरीकों को फॉलो करके संस्थान अपने कॉलेज की खाली सीटें भर सकता है. हालांकि, स्टूडेंट्स को ध्यान देना चाहिए कि UGC की तरफ से जारी SOPs में कहा गया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों व सम्बद्ध/घटक महाविद्यालयों में UG/PG दाखिले के लिए मुख्य आधार CUET के अंक ही होंगे.