Advertisement

DU को HC का निर्देश- जल्द से जल्द घोषित हों ऑनलाइन परीक्षा के नतीजे

दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि डीयू अपने सभी कॉलेजों को पत्र लिखकर निर्देश दे कि सभी उत्तर पत्रिका का मूल्यांकन जल्द से जल्द किया जाए. फाइनल ईयर के छात्रों का रिजल्ट अक्टूबर के पहले हफ्ते तक जारी करने की कोशिश करे.

दिल्ली यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो) दिल्ली यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी की हाल ही में हुई ऑनलाइन परीक्षाओं के नतीजे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि डीयू अपने सभी कॉलेजों को पत्र लिखकर निर्देश दे कि सभी उत्तर पत्रिका का मूल्यांकन जल्द से जल्द किया जाए. फाइनल ईयर के छात्रों का रिजल्ट अक्टूबर के पहले हफ्ते तक जारी करने की कोशिश करें, जिससे छात्रों को आगे एडमिशन लेने में देरी का सामना ना करना पड़े.

Advertisement

 हाई कोर्ट ने यूजीसी को पहले भी आदेश दिया था कि वो एक एडवाइजरी जारी करे और बताए कि इस बार कोविड- 19 संक्रमण की वजह से एग्जाम देरी से हो रहे हैं. लिहाजा प्रोविजनल रिजल्ट, नए साल और नए क्लास में दाखिलों में देरी होगी. साथ ही ये भी बताए कि कट ऑफ लिस्ट में भी देरी होगी. इस वजह से छात्र प्रोविजनल रिजल्ट और दूसरी चीजों के लिए जोर न दें.

बता दें कि 10 अगस्त को दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने पहली बार ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन कराया था. हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद यह परीक्षा फाइनल ईयर के सभी छात्रों के लिए करवाई गई. लेकिन परीक्षा शुरू होते ही सोशल मीडिया पर इस परीक्षा को लेकर अलग-अलग छात्रों ने अपनी परेशानियों के साथ-साथ अनुभव साझा करने शुरू कर दिए थे. बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद छात्रों को ई-मेल के जरिए भी अपने आंसर शीट जमा करने का ऑप्शन दिया गया था.

Advertisement

 हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि परीक्षाएं सितंबर में ऑनलाइन मोड में हो रही हैं. इसलिए रिजल्ट भी सितंबर के अंत तक आना चाहिए, जिससे छात्रों को समय से आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने में दिक्कत न हो. 

बता दें कि इस मामले में छात्रों की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट में ऑनलाइन एग्जाम को लेकर कई सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि रिमोट एरिया में ऑनलाइन एग्जाम कराना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि खुद सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के अधीन 12 हजार कॉमन सर्विस सेंटर फंक्शनल नहीं हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement