Advertisement

दृष्ट‍ि कोचिंग सील होने के बाद बोले व‍िकास द‍िव्यकीर्त‍ि, कहा- समस्या ज‍ितनी सरल द‍िखती है, उतनी...

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद से सोशल मीड‍िया पर तमाम अभ्यर्थी लगातार विकास द‍िव्यकीर्ति‍ समेत तमाम कोचिंग की दुनिया के बड़े नामों को लेकर आक्रो‍श‍ित थे. इस घटना के कई दिन बाद विकास द‍िव्यकीर्ति‍ ने अपना बयान जारी किया है, जानिए- उन्होंने बयान में क्या कहा है.

विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर सील विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर सील
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

शनिवार 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर की राव आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत हो गई. इन छात्रों की मौत ने कोचिंग मंडी का कड़वा सच एक बार फिर समाज के सामने ला दिया. ठीक, ऐसे मौके पर इन कोचिंग सेंटर्स की पहचान से जुड़े चर्चित चेहरे जैसे अवध ओझा और व‍िकास द‍िव्यकीर्ति‍ को लेकर छात्र सवाल उठाने लगे. सोशल मीड‍िया पर छात्र इस मौन पर भी तंज कस रहे थे. खैर घटना के तीन दिन बीतने और उनकी दृष्ट‍ि कोचिंग सील होने के बाद छात्रों में सुव‍िख्यात विकास दिव्यकीर्त‍ि का बयान सामने आया है. इस बयान में उन्होंने अपना पक्ष रखा है. आइए इसमें से खास बातें जानें.

Advertisement

सबसे पहले प्वाइंट में उन्होंने अपना पक्ष देरी से रखने पर अफसोस जताते हुए कहा कि हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें. इस देरी के लिये माफी भी मांगी. उन्होंने शनिवार की घटना पर कहा कि पीड़‍ित पर‍िवारों के हम साथ हैं, यदि हम किसी भी तरह उनके लिये कुछ कर सकेंगे तो कृतज्ञता महसूस करेंगे. 

विद्यार्थ‍ियों के रोष को बताया न्यायसंगत 
द‍िव्यकीर्त‍ि ने आगे कहा कि इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है. बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशानिर्देश लागू करे. इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं. इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं. डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है. इसी तरह, 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021', 'नैश्नल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़' के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है. 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021' को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं. आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा. 

Advertisement

समस्या के समाधान पर यह कहा 
द‍िव्यकीर्ति ने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे. अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की. इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिये हम जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य हितधारकों को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement