
डीयू कैंपस में बीबीसी डॉक्यू्मेंट्री की स्क्रीनिंग के मामले में NSUI के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुग को एक साल के लिए डीबार कर दिया गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन पर एक साल का प्रतिबंध लगाते हुए उनके परीक्षा देने पर रोक लगा दी है. डीयू प्रशासन की ओर से उन्हें इस मामले में लिखित नोटिस दिया है.
डीयू प्रशासन का आरोप है कि लोकेश चुग आर्ट्स फैकल्टी में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कराने में शामिल था. डीयू ने लोकेश चुग को दिए मेमोरेंडम में लिखा है कि डीयू ने सरकार द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद 22 अप्रैल 2022 को नोटिस जारी किया था कि किसी भी तरह की भीड़ या प्रदर्शन करने से 24 घंटे पहले यूनिवर्सिटी को उसकी डिटेल्स देनी होगी. लेकिन एंथ्रोपोलॉजी विभाग में पीएचडी स्कॉलर लोकेश चुग 27 जनवरी 2023 की शाम चार बजे डीयू की आर्ट्स फैकल्टी के गेट नंबर 4 पर बैन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने में शामिल थे.
छात्र लोकेश चुग ने कहा कि बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री प्रतिबंध का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. इस पर अप्रैल में सुनाई होनी है लेकिन विश्वविद्यालय ने पहले ही इसे बैन घोषित करके सजा सुना दी. मेरी पीएचडी वाइवा अभी होने हैं, लेकिन इससे पहले प्रतिबंध लग जाने से मेरा भविष्य खराब हो सकता है.
बता दें कि डिसिप्लिनरी अथॉरिटी की कमेटी के सुझाव पर लोकेश चुग को एक साल के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज या डिपार्टमेंटल एग्जाम से डीबार किया गया है. यानी वे एक साल तक किसी भी परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं.
अपना पक्ष रखने की सजा मिली: लोकेश
लोकेश चुग ने इस आरोप को भी निराधार बताया है. उन्होंने aajtak.in को बताया कि वो वहां सिर्फ मीडिया में एनएसयूआई का पक्ष रखने गए थे. उन्होंने कहा कि डीयू में स्क्रीनिंग करने वालों को पुलिस ने हिरासत में लिया था लेकिन वे उनमें शामिल नहीं थे. इसके बावजूद डीयू ने यह कठोर कदम उठाया है. उन्हें एक साल के लिए कैंपस से डीबार किया है ताकि छात्र इससे भयभीत हों और भविष्य में अपनी आवाज न उठा पाएं.
आदेश वापस नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
NSUI अध्यक्ष नीरज कुंदन ने डीयू के इस फैसले को 'तानाशाही' बताया है. उनका कहना है कि डीयू कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से रोकना बेहद निंदनीय है. मैं इस अन्याय का विरोध करता हूं और इस फैसले को वापस लेने की मांग करता हूं. उन्होंने aajtak.in को बताया कि अगर यूनिवर्सिटी ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो संगठन के जुड़े छात्र आंदोलन करेंगे.
क्या है पूरा मामला
जनवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री 'India: The Modi Question' पर कई विश्वविद्यालयों में स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हुआ था. इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा बताते हुए केंद्र ने उसपर प्रतिबंध लगाया था. प्रतिबंधित BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर कई यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर बवाल हुआ था. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर नॉर्थ से साउथ तक की यूनिवर्सिटी में लेफ्ट और ABVP कार्यकर्ताओं में झड़प की खबरें सामने आई हैं. दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की लेकर हंगामा हुआ था.