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NEET दाखिले में EWS कोटे पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट में राहत, जानिए- क्या है पूरा मामला

केंद्र के खिलाफ तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने अपना आदेश जारी किया था. इसी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से आज केंद्र को राहत मिली है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
संजय शर्मा
  • नई द‍िल्ली ,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने EWS कोटा लागू करने से पहले SC की मंजूरी लेने की मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों को रद्द किया
  • नई आरक्षण नीति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 6 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा
  • जुलाई में केंद्र सरकार ने मेडिकल दाखिलों के लिए OBC के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (10% के लिए आरक्षण लागू किया था

EWS Reservation In NEET: मेडिकल परीक्षा NEET के दाखिले में EWS कोटा पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.  सुप्रीम कोर्ट ने EWS कोटा लागू करने से पहले SC की मंजूरी लेने की मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों को रद्द कर दिया है.  हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह मेरिट के आधार पर HC के निर्देश को रद्द नहीं कर रहा है. बल्कि इसका आधार यह है कि DMK द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका का फैसला करते हुए हाईकोर्ट को ये आदेश पारित नहीं करना चाहिए था. 
 
वहीं, केंद्र की ओर से मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें कोर्ट ने अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि मेडिकल कॉलेज (Medical College) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया गया 10 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण की अनुमति केवल सुप्रीम कोर्ट  फैसले के अधीन ही दी जा सकती है.

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बता दें कि केंद्र के खिलाफ तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने अपना आदेश जारी किया था. इसके बाद तीन सितंबर को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. 

बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 25 अगस्त को को केंद्र द्वारा जारी उस अधिसूचना को मंजूरी दे दी, जिसमें चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटे (एआईक्यू) के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (अपिव) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था. वहीं  NEET मेडिकल और डेंटल कोर्स के लिए अखिल भारतीय कोटे में OBC के लिए 27% और EWS के लिए 10% सीटों की  नई आरक्षण नीति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 6 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा. 

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याचिकाकर्ताओं को भी लिखित नोट दाखिल करने को कोर्ट ने कहा है, इस मामले में सात अक्तूबर को अगली सुनवाई होगी. इससे पहले 6 सितंबर को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने  केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा  था. इस मामले में  जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि इसकी जांच करनी होगी. दरअसल जुलाई में केंद्र सरकार ने मेडिकल दाखिलों के लिए  OBC के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (10% के लिए आरक्षण  लागू किया है. 

यानी अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में ओबीसी स्टूडेंट्स को 27 फीसदी और इकॉनोमिकली वीकर सेक्शन के लिए 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. केंद्र सरकार के ऐलान के बाद नई आरक्षण नीति इस साल से ही लागू हो गई है . इसी नीति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

 

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