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Exclusive: DU के जिस तहखाने में रखे गए थे भगत सिंह, उसे बनाया स्मारक, आज होगा उद्घाटन

8 अप्रैल 1929 को जब भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था तो दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. 12 जून 1929 को भगत सिंह को दोषी करार दिया गया था.

DU का यही तहखाना अब बना स्‍मारक DU का यही तहखाना अब बना स्‍मारक
अरविंद ओझा
  • नई दि‍ल्‍ली,
  • 23 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST
  • एक दिन के लिए भगत सिंह को वायस रीगल लॉज के इसी तहख़ाने में रखा गया था
  • अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे भगत सिंह स्मारक का नाम दिया है.
  • भगत सिंह स्मारक का शिक्षा मंत्री उद्घाटन करने वाले हैं

दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक ऐसा तहखाना है जहां अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह को एक दिन के लिए रखा गया था. भगत सिंह से अंग्रेज कितना खौफ खाते थे ये तहखाना उसकी गवाही देता है. आज शिक्षा मंत्री इसका उद्घाटन करेंगे.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के वायस रीगल लॉज जिसे अब कुलपति कार्यालय के तौर पर भी जाना जाता है. इसी वायस रीगल लॉज से शहीद-ए-आजम भगत सिंह की यादें जुड़ी हैं. बता दें क‍ि 8 अप्रैल 1929 को जब भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था तो दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. 12 जून 1929 को भगत सिंह को दोषी करार दिया गया था.

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जानकारी के मुताबिक 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में भगत सिंह को फांसी दी जानी थी. पंजाब की मियांवाली जेल में जब भगत सिंह को शिफ्ट किया जाना था तब एक दिन के लिए भगत सिंह को वायस रीगल लॉज के इसी तहख़ाने में रखा गया था. इस तहख़ाने में न तो खिड़कियां थीं न ही किसी के आने जाने की इजाजत.

अंग्रेजी हुकूमत इस कदर भगत सिंह से खौफजदा थी कि इस तहख़ाने में हर वक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती थी. अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे भगत सिंह स्मारक का नाम दिया है. शिक्षा मंत्री इसका उद्घाटन करने वाले हैं.

इस तहख़ाने में भगत सिंह की तस्वीरें, चारपाइयां, अंग्रेजों के सिपाहियों की वर्दी रखी हुई है जो हर वक्त भगत सिंह पर नजर रखते थे. भगत सिंह से जुड़ी किताबें भी यहां मौजूद हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पी सी जोशी का कहना है कि हम भगत सिंह से जुड़ी इस याद को सहेजकर रखना चाहते हैं ताकि इसे तहख़ाने को देखकर आज के युवा जान सकें कि आजादी के लिए भगत सिंह को कितनी यातनाएं दी गईं. देश की खातिर आजादी के परवानों ने कितना कुछ झेला है.

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हम आपको बता दें अंग्रेजी हुकूमत के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी में वायस राय रहते थे इसलिए इसे वायस रीगल लॉज कहा जाता है. भगत सिंह से अंग्रेजी हुकूमत खासकर उस वक्त का वायसराय इतना खौफजदा था कि अपने ही तहख़ाने में भगत सिंह को रखवाया था. यहां पुरानी लिफ्ट भी मौजूद है जिसके जरिये अंग्रेजी सेना भगत सिंह को खाना देने आती थी.

 

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