
देश भर में कोरोना महामारी के गंभीर संकट के बीच नेशनल मेडिकल कमीशन की सिफारिश पर सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को खोलने का फैसला लिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि एक दिसंबर या इससे पहले मेडिकल कॉलेज खोले जाएं.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्यों से 31 दिसंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने को कहा गया है. लेकिन ऐसे में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार ने अपने निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि किसी तरह मेडिकल ग्रेजुएट का कोर्स पूरा किया जा सके. केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे इसके लिए अभी से शुरुआती कदम उठाना शुरू कर दें. राज्य में कोरोना वायरस के प्रोटोकॉले और सख्त गाइडलाइन को मानते हुए मेडिकल कॉलेज खोले जाएं.
एक समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए गृह मंत्रालय से भी अनुमति ले ली है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र के अनुसार राज्यों को मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में नॉन-कोविड बेड्स उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है.
केंद्र सरकार का यह निर्देश नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से मेडिकल कॉलेज खोलने की सिफारिश पर जारी किया गया है. बता दें कि आयोग का मानना है कि उनके पास कई स्टूडेंट्स और मेडिकल कॉलेजों ने क्लासेस शुरू करने की अपील की है.
आयोग का ये भी कहना है कि ट्रेनिंग में देर होने से आने वाले सालों में पीजी व सुपर स्पेशलिटी कोर्सेस पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए एक दिसंबर से वर्तमान चालू सत्र के लिए कॉलेज खोले जाएंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार, 2020-21 के नए बैच की कक्षाएं 1 फरवरी 2021 से शुरू हो जानी चाहिए. वहीं पीजी कोर्सेस के लिए 2020-21 का सत्र 1 जुलाई 2021 से शुरू किया जाना चाहिए. इसके लिए 2020-21 का नीट पीजी एग्जाम मार्च-अप्रैल 2021 में शेड्यूल किया जाएगा.
वहीं कॉलेज व स्टूडेंट्स का कहना है कि 2020 सत्र के एमबीबीएस बैच की क्लिनिकल ट्रेनिंग पूरी नहीं हो पाई है. इसके बिना स्टूडेंट्स अगले साल होने वाली नीट पीजी (NEET PG 2021) में शामिल नहीं हो पाएंगे. इसके पीछे की खास वजह ये है कि अंडरग्रेजुएट (MBBS) स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पूरी की जा सके. राजेश भूषण का कहना है कि 'सभी कॉलेजों द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड संक्रमण से बचाव के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.
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