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Gujarat Anganwadi Recruitment: 10वीं पास के लिए थीं आंगनबाड़ी में भर्तियां, नौकरी पाने वालों में PhD कैंड‍िडेट

Gujarat Anganwadi Recruitment: आंगनबाड़ी के 49 पदों के लिए निकली भर्तियों के लिए 950 महिलाओं ने आवेदन किया था. इनमें कुल 80 % महिलाओं के पास ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्रियां थीं. राज्य में बेरोजगारी स्तर ज्यादा होने और नौकरी ना मिलने की वजह से सभी महिलाएं अब हेल्पर और वर्कर की नौकरी करने को मजबूर हैं.

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भार्गवी जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST
  • 49 पदों के लिए 950 महिलाओं का आवेदन
  • 80 % महिलाओं के पास ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्रियां

Gujarat Anganwadi Recruitment: गुजरात के जूनागढ़ में हाल ही में महानगरपालिका संचालित आंगनबाड़ी में 49 वर्कर्स और हेल्पर्स के पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे. इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास रखी गई थी. लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक अब इन पदों पर मास्टर्स और पीएचडी तक की योग्यता रखने वाली महिलाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया है.

प्रदेश में बेरोजगारी उच्चतम स्तर पर

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आंगनबाड़ी इन 49 पदों के लिए 950 महिलाओं ने आवेदन भेजे थे. इनमें कुल 80 % महिलाओं के पास ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्रियां थीं. एक महिला के पास पीएचडी तक की डिग्री थी. प्रदेश में बेरोजगारी स्तर बढ़ने और नौकरी ना मिलने की वजह से अब ये महिलाएं हेल्पर और वर्कर की नौकरी करने को मजबूर हैं.

जूनागढ़ जिले की ही साधना मनसुखभाई मकवाना एम.ए.-बी.एड तक पढ़ी हैं. साधना कहती हैं कि उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई. अब अपने परिवार को आर्थिक तौर पर सपोर्ट करने के लिए वर्कर और हेल्पर की नौकरी को स्वीकार कर लिया है. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते तो 3000 से कम सैलरी हाथ में आती. इससे तो अच्छा है कि हम यहीं पर बच्चों की सेवा करें और अपना गुजारा चलाएं.

डोली गोविंदभाई परमार को भी नियुक्ति पत्र मिला है. वह कहती हैं कि गुजरात सरकार बेरोजगारी कम करने की बात करती है. हम जैसे एमए बीएड लोगों को शिक्षक की नौकरी नहीं मिल रही.  स्कूलों में शिक्षक की कमी है, लेकिन भर्तियां नहीं आ रही हैं. ऐसे में हमारे पास कोई और दूसरा रास्ता नहीं है तो हम आंगनवाड़ी में वर्कर की नौकरी करने को मजबूर हैं. 

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क्या कहते हैं अधिकारी?

महानगर पालिका के आंगनबाड़ी विभाग के मुख्य अधिकारी वत्सला ओझा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए शिक्षित महिलाओं ने ही ज्यादा आवेदन पत्र भरे थे. हमने मेरिट के आधार पर नियुक्ति पत्र दिए हैं. अच्छा है कि शिक्षित महिलाओं के साथ बच्चे रहेंगे तो उन्हें बेहतर शिक्षा और संस्कार हासिल होंगे.

बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात मे लाखों शिक्षित बेरोजगार हैं. वह निम्न स्तर की नौकरी करने को मजबूर हैं. लाखों रुपये खर्च करके प्राइवेट स्कूल कॉलेजों में पढ़ने के बावजूद अच्छी नौकरी नहीं मिल रही. ऐसे में आने वाले चुनाव में युवा वर्ग की निराशा का खामियाजा गुजरात सरकार को चुकाना पड़ सकता है.


 

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