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गुजरात यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम के दौरान एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट की गलती की वहज से पेपर लीक का मामला सामने आया है. जब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को इस बारे में जानकरी लगी तो अचानक उनके समझ नहीं आया. एग्जाम के दौरान हुई गलती का दोष अधिकारी एक दूसरे के सिर मढ़ते नजर आए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई पेपर लीक की खबर
घटना के बाद सोशल मीडिया पर यह मामला खूब वायरल हुआ, जिसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और वाइस चांसलर को सामने आकर स्पष्टता करनी पड़ी. सोशल मीडिया पर यह खबर पेपर लीक को लेकर वायरल हो रही थी. इसलिए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि पेपर लीक नहीं हआ है, यह गलती मैनेजमेंट से हुई थी, जिसे अब सुधार लिया गया है. अपनी सफाई में कल्पेन वोरा ने कहा, पेपर सेंटर की गलती की वजह से ये चूक हुई है. गलती का पता लगते ही इसे तुरंत सही सब्जेक्ट का पेपर स्टूडेंट्स को दिया गया था. इस विषय में कुसूरवार के खिलाफ वाइस चांसलर की तरफ से कार्रवाई की जाएगी.
छात्रों को एक दिन पहले ही दे दिया पेपर
दरअसल, शिक्षकों ने गलती से 4 अप्रैल को होनी वाली परीक्षा में छात्रों को 5 अप्रैल का पेपर बांट दिया. अगले दिन के एग्जाम का पेपर देख स्टूडेंट्स हैरान रह गए. स्टूडेंट्स ने एक दिन पहले मिले पेपर की शिकायत की. एक दिन पहले का पेपर स्टूडेंट्स को देने के बाद गलती में सुधार करते हुए यूनिवर्सिटी की तरफ से स्टूडेंट्स को एक घंटे बाद पेपर दिया, जिसे हाथ से लिखा गया था.
बता दें कि गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा बीएससी सेमेस्टर छह के एग्जाम में चार अप्रैल को 308 नंबर बॉटनी का पेपर सुबह से 11 बजे से दोपहर 1.30 तक आयोजित होना था, लेकिन स्टूडेंट्स को 5 अप्रैल के दिन आयोजित होने वाला 309 नंबर का पेपर दे दिया गया. यूनिवर्सिटी के पास 04 अप्रैल का पेपर नहीं था, इसलिए तुरंत दूसरा पेपर हाथ से लिखकर छात्रों को दिया गया. छात्रों के नए पेपर की व्यवस्था 12 बजे तक की गई. इसके बाद यह एग्जाम दोपहर 1:30 बजे 2:30 तक आयोजित किया गया.