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गुजरात में सहायक अध्यापकों का विरोध प्रदर्शन, सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप

गुजरात में ग्रांटेड कॉलेज के सहायक अध्यापक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि फिक्स वेतन पाने वाले कर्मचारियों की तरह हमारा भी वेतन बढ़ाया जाए. इन नाइंसाफी के खिलाफ आध्यापकों द्वारा कुलपति को आवेदन पत्र पर भी दिया गया है.

Gujrat Assistant Teachers Protest Gujrat Assistant Teachers Protest
अतुल तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST

गुजरात के ग्रांटेड कॉलेज में सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. गुजरात सरकार ने राज्य में फिक्स वेतन पाने वाले कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, लेकिन राज्य के अध्यापक सहायकों को इस लाभ से वंचित रखा गया है. अध्यापकों ने इसके खिलाफ विरोध किया है और कुलपति को आवेदन पत्र सौंपकर राज्य सरकार द्वारा घोषित 30 प्रतिशत वेतन बढ़ाने की मांग की गई है.

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5 महीने पहले सरकार ने बढ़ाया था वेतन

गुजरात सरकार ने फिक्स वेतन पाने वाले स्कूल के कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान 5 महीने पहले किया था. हालांकि गुजरात सरकार ने अपने इस घोषणा में राज्य की विश्वविद्यालय के तहत आने वाली ग्रांटेड कॉलेज के अध्यापक सहायकों को शामिल नहीं किया था. तब से लेकर लगातार अध्यापक सहायकों द्वारा अलग-अलग तरह से विरोध दर्ज कर वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. 

सरकार से बात करने के बाद भी नहीं हुई कोई सुनवाई

गुजरात के अध्यापक सहायक मंडल की तरफ से गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति को आवेदन देने पहुंचे शशिकांत तेरैया ने आजतक से कहा कि गुजरात सरकार ने राज्य के तमाम फ़िक्स वेतन पाने वाले कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की वृद्धि की, लेकिन सिर्फ़ राज्य के अध्यापक सहायकों को ही इस लाभ से वंचित रखा गया है. कई बार इस बात को लेकर सरकार में हम बात कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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सरकार के इस फैसले का हो सकता है ये असर

महिला अध्यापक सहायक ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कॉलेज में अध्यापक बनने के लिए हम 10 साल की मेहनत करते हैं. पीएचडी, NET, SET, SLET जैसी शैक्षिक योग्यता हासिल करते हैं, तब जाकर अध्यापक के लिए योग्य बनते हैं. लेकिन गुजरात सरकार के फ़ैसले से अब कॉलेज के अध्यापकों के वेतन से ज्यादा वेतन स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों का हो चुका है. गुजरात के शिक्षा जगत में सरकार के फैसले के बाद से ज्यादा योग्यता, कम वेतन की स्थिति पैदा हो गई है. अगर सरकार ऐसे ही फ़ैसले करके वेतन वृद्धि से अध्यापक सहायकों को वंचित रखेगी तो कॉलेजों में अध्यापक बनने से बहेतर होगा कि लोग स्कूलों में शिक्षक बनें जिनकी योग्यता कम और वेतन हमसे ज्यादा है.

1 अक्टूबर से कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ पैसा

बता दें कि गुजरात के फिक्स वेतन पाने वाले 61,560 कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की वृद्धि 1 अक्टूबर से लागू की गई है. जिसमें से सिर्फ राज्य के अध्यापक सहायकों को वंचित रखा गया है. गुजरात के फिक्स वेतन वाले कर्मचारियों के वेतन की वृद्धि के निर्णय के बाद क्लास 3 के 4400 ग्रेड पे वाले कर्मचारियों का मासिक फ़िक्स वेतन 38,090 से बढ़कर 49,600 रुपये हो गया है. क्लास 3 के 4200 और 2800 ग्रेड पे वाले कर्मचारियों का मासिक वेतन 31,340 से बढ़कर 40,800 रुपये हुआ है. वहीं, क्लास 3 के 2400, 2000, 1900 और 1800 ग्रेड पे पाने वाले कर्मचारियों का मासिक फ़िक्स वेतन 19,950 से बढ़कर 26,000 रुपये हुआ है. तो वहीं, क्लास 4 के 1650, 1400 और 1300 ग्रेड पे वाले कर्मचारी जो 16,224 रुपये पाते थे, जिसे बढ़ाकर 21,100 रुपये करने का फैसला हुआ है. सरकार के इस फैसले से सरकारी तिजोरी पर वार्षिक 548.64 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ा है.

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