Gen Z का मिजाज: इन नई नौकरियों का क्रेज, सपने पूरे करने के लिए गैप ईयर को भी तैयार 91% युवा, पढ़ें दिलचस्प रिपोर्ट
भारतीय युवा न सिर्फ मेहनती है बल्कि बहुत आश्वस्त भी हैं. हालांकि, पैसों की कमी और लड़का-लड़की में बराबरी न होना जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है. फिर भी, ये युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है.
युवा, खासकर Gen Z पीढ़ी देश का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी उठा रही है. करियर और पढ़ाई को लेकर एक ताजा रिपोर्ट, "The Quest Report 2024" ने इस युवा पीढ़ी का मिजाज बयां किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार में से एक युवा आजकल ऐसी नौकरियों की तरफ आकर्षित हो रहा है जो अभी-अभी उभर रही हैं. जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा, और कंटेंट क्रिएशन आदि.
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भारत का युवा न सिर्फ मेहनती है बल्कि बहुत आश्वस्त भी है. हालांकि, पैसों की कमी और लड़का-लड़की में बराबरी न होना जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है. फिर भी, ये युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट की मानें तो ये युवा इतने जुनूनी हैं कि 43% तो अपने सपनों को पूरा करने के लिए काम-काज और निजी ज़िंदगी के बीच तालमेल बिठाने की फिक्र ही छोड़ देते हैं.
रिपोर्ट को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है-
जेन जेड क्वेस्टर्स के सपनों को पूरा करने की चाहत और प्रेरित है: इस भाग में बताया गया है कि युवा क्यों अपने सपनों को पूरा करने के लिए इतने उत्साहित हैं और क्या चीज़ें उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं.
सपनों की राह में आने वाली चुनौतियां: इस भाग में युवाओं के सपनों को पूरा करने में आने वाली बाधाओं के बारे में जानकारी दी गई है.
करियर के ऑप्शन: इस भाग में उन करियर विकल्पों पर चर्चा की गई है जो युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं.
रिपोर्ट की कुछ खास बातें-
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सपनों के पीछे भागना: 91% युवाओं का मानना है कि एक साल का गैप ईयर लेना उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगा.
नई नौकरियां: 25% युवाओं को डेटा एनालिसिस, एआई, साइबर सुरक्षा, और कंटेंट क्रिएशन जैसी नई नौकरियां युवाओं को खूब लुभा रही हैं.
बड़ी कंपनियों पर भरोसा: 19% भारतीय युवा, बड़ी कंपनियों में करियर आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं. वे मानते हैं कि ग्रोथ बड़ी कंपनियों में ही होगी.
पैसों की समस्या: 46% युवाओं के लिए पैसों की कमी सबसे बड़ी बाधा है, फिर भी 90% से ज़्यादा युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए आश्वस्त हैं.
लिंग असमानता: 8 में से 10 युवाओं को लगता है कि लड़का-लड़की में बराबरी न होना सबसे बड़ी चुनौती है.
खुद का बिजनेस: सिर्फ 9% युवा ही अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. बाकी को नौकरी की पक्की सीढ़ियां चढ़ना ज़्यादा भाता है.
मेहनतकश युवा: भारतीय युवा अपने साथियों से कहीं ज़्यादा मेहनत करते हैं और आगे निकलने की कोशिश करते हैं.
गुरुओं का महत्व: 49% युवाों को लगता है कि जानकार लोगों की मदद मिलने से बहुत फायदा होता है.
शौक छोड़े देने को तैयार: देश में 43% युवा अपने करियर में सफल होने के लिए काम और जिंदगी के बीच का संतुलन त्यागने को भी तैयार हैं. ग्लोबल लेवल पर ये आंकड़ा 46% है. 62% युवा अपने शौक और हॉबी तक छोड़ देने को तैयार हैं, बस अपने सपने पूरे कर लें.
बता दें कि यह रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, ब्राजील और भारत समेत सात देशों के 20 से 24 वर्ष की उम्र वाले करीब 6,700 युवाओं के बीच किए गए एक सर्वे के आधार पर तैयार की गई है. जनरेशन जेड आमतौर पर 1995 और 2010 के बीच पैदा हुए लोगों को संदर्भित करता है.