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IIT Bombay: सुसाइड केस के बाद मेंटल हेल्थ पर सीरियस हुए टॉप आईआईटी कैंपस, करेंगे ये नये बदलाव

IIT Bombay suicide case: देश के टॉप आईआईटी में शुमार आईआईटी बॉम्बे में छात्र की आत्महत्या ने एक नई चिंता खड़ी कर दी है. इस घटना के बाद आईआईटी संस्थानों कोछात्रों की मेंटल हेल्थ को लेकर और ज्यादा गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया है. घटना के बाद कई आईआईटी कैंपस इस पर नये सिरे से काम कर रहे हैं.

IIT Bombay (File Photo) IIT Bombay (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

IIT बॉम्बे के एक छात्र की आत्महत्या के बाद कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इससे बचाव के लिए निवारक उपाय कर रहे हैं. इन उपायों में कम ग्रेड पाने वाले और बैकलॉग वाले छात्रों के लिए काउंसिलिंग और एडवाइस देने से लेकर पाठ्यक्रम के भार को कम करना और मानसिक कल्याण केंद्रों की स्थापना करना शामिल है. 

हाल ही में जातिगत भेदभाव के आरोपों के बीच आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र द्वारा की गई आत्महत्या ने प्रतिष्ठित संस्थानों के कठ‍िन करीकुलम और यहां के जोरदार कंपटीशन को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. 

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IIT बॉम्बे के निदेशक सुभाषीस चौधरी ने घोषणा की है कि संस्थान अपने स्नातक पाठ्यक्रम में बदलाव की दिशा में काम कर रहा है ताकि इसे "अधिक प्रासंगिक और छात्रों के लिए प्रेरक बनाया जाए जिससे छात्रों का कुछ तनाव कम किया जा सके. एक न्यूज एजेंसी को दिये बयान में चौधरी ने कहा कि हम एक समावेशी परिसर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं जहां सभी छात्र घर जैसा महसूस करें. 

IIT गुवाहाटी भी चौकन्ना 

दूसरी ओर IIT गुवाहाटी कैंपस में छात्रों के समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काउंसिलिंग और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए बने सेंटर फॉर होलिस्टिक वेलबीइंग द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. यहां कम सीपीआई ( Cumulative Performance Index) वाले और बैकलॉगर्स छात्रों का विवरण एकेडमिक ब्लॉक द्वारा डीन और कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के साथ साझा किया जाता है. इसके बाद फैकल्टी एडवाइजर्स और काउंसलर्स को इसी के मुताबिक प्रत्येक छात्र से संपर्क करने के लिए कहा जाता है ताकि उनकी मानसिक स्थिति और कम प्रदर्शन के कारण को समझा जा सके. 

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आईआईटी गुवाहाटी की एसोसिएट डीन स्टूडेंट्स अफेयर्स, बिथिया ग्रेस जगन्नाथन ने कहा कि जिन छात्रों का परफार्मेंस कम रहता है, उन्हें इसके कारण के आधार पर काउंसलर या फैकल्टी सलाहकारों द्वारा समर्थन और सलाह देने के लिए कदम उठाए जाते हैं. 

आईआईटी दिल्ली ने उठाया यह कदम 

IIT छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों से चिंतित, IIT-दिल्ली ने, COVID-19 के दौर में छात्रों को स्टडी प्रेशर से प्रभावी ढंग से निपटने और इस तरह की आत्महत्या की प्रवृत्ति को दूर रखने में मदद करने के लिए अपने पाठ्यक्रम को नया रूप दिया था. अब संस्थान अपने पाठ्यक्रम को और संशोधित करने की प्रक्रिया में है. 

वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के कल्याण के लिए बनी संसदीय स्थायी समिति ने आईआईटी-बॉम्बे में 18 वर्षीय दर्शन सोलंकी द्वारा हाल ही में की गई आत्महत्या पर चर्चा के लिए मंगलवार यानी आज एक बैठक बुलाई है. 

 

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