Advertisement

मेडिकल के छात्रों को लिए IIT दिल्ली ने शुरू किया नया मास्टर्स कोर्स, फेलोशिप की भी सुविधा

IIT दिल्ली का सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (CBME) जनवरी 2025 से 'हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी' में मास्टर ऑफ साइंस (रिसर्च) प्रोग्राम शुरू कर रहा है. इस कोर्स में छात्रों को असली अस्पतालों और उद्योगों में व्यावहारिक अनुभव मिलेगा, जिससे वे रिसर्च, नई कंपनियां शुरू करने या उद्योग में काम करने के लिए तैयार होंगे.

IIT Delhi new Masters Course IIT Delhi new Masters Course
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली का सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (CBME) जनवरी 2025 से 'हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी' में एक नया मास्टर ऑफ साइंस (रिसर्च) प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है. इस प्रोग्राम का मकसद चिकित्सा और इंजीनियरिंग के बीच की दूरी को कम करना है. खासतौर पर यह कोर्स उन चिकित्सा और नैदानिक पेशेवरों के लिए बनाया गया है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए मेडिकल के साथ इंजीनियरिंग के सिद्धांतों को भी सीखना चाहते हैं.

Advertisement

कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स को मिलेगा ये फायदा

हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में एमएस (अनुसंधान) की खास बात इसका प्रोजेक्ट-आधारित तरीका है, जिसमें छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलता है. इस कोर्स में प्रमुख संस्थानों और कंपनियों के साथ मिलकर छात्रों को असली अस्पतालों और उद्योगों में काम करने का मौका मिलेगा. इससे उन्हें मेडिकल और तकनीकी दोनों क्षेत्रों की गहरी समझ हासिल होगी, जिससे वे या तो नई कंपनियां शुरू कर सकते हैं या फिर मेडिकल टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डेवलपमेंट कर सकते हैं.

मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए भी फायदेमंद

इस कोर्स के जरिए मेडिकल प्रोफेशनल्स को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मरीजों का इलाज भी जारी रख सकते हैं. इससे वे तुरंत अपने नए सीखे हुए ज्ञान का उपयोग कर मरीजों की देखभाल में सुधार कर सकते हैं. कोर्स में वैज्ञानिक शोध के साथ-साथ हेल्थकेयर इंडस्ट्री से जुड़े अहम विषय और लैब वर्क शामिल हैं, जो छात्रों को आगे की पढ़ाई या इंडस्ट्री में काम करने के लिए तैयार करते हैं.

Advertisement

फेलोशिप की भी सुविधा

नामांकित छात्रों को अच्छी फ़ेलोशिप भी दी जाएगी, जो उन्हें शुरुआती नौकरी जितना वेतन प्रदान करती है यह प्रोग्राम उन लोगों के लिए भी एक आसान रास्ता है जो बाद में पीएचडी करना चाहते हैं. आईआईटी दिल्ली ने बायोमेडिकल रिसर्च और इनोवेशन के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को भी दिखाया है.

इस कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए, सीबीएमई की प्रमुख प्रो. नीतू सिंह ने कहा कि यह कोर्स चिकित्सा पेशेवरों को एक अच्छा रिसर्चर बनने के लिए जरूरी ट्रेनिंग और एक डिग्री देता है. यवहीं, प्रो. नरेश भटनागर ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत के स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बदलने में मदद करेगा, क्योंकि यह मेडिकल स्नातकों को तकनीकी कौशल से लैस करता है। अभी तक, इस क्षेत्र में ज्यादातर विज्ञान और इंजीनियरिंग के लोग ही अग्रणी रहे हैं

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement