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IIT मद्रास राज्य के 6000 स्कूलों में बनाएगा हाइटेक लैब, लाखों छात्रों को होगा फायदा

IIT मद्रास ने 6,000 सरकारी स्कूलों में हाई-टेक लैब बनाने के लिए तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा विभाग के साथ साझेदारी की है. इन प्रयोगशालाओं से राज्य में लगभग 90 लाख छात्रों को लाभ होने का अनुमान है.

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)  प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 21 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने 6,000 सरकारी स्कूलों में हाईटेक लैब बनाने के लिए तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा विभाग के साथ साझेदारी की है. इन प्रयोगशालाओं से राज्य में लगभग 90 लाख छात्रों को लाभ होने का अनुमान है. IIT मद्रास के शोधकर्ता मौजूदा डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म को मूल्यांकन केंद्रित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में अपडेट करने के लिए एक नई लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करेंगे. 

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अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, IIT मद्रास वर्तमान डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म यानी शिक्षा प्रबंधन सूचना प्रणाली को अपग्रेड करेगा. IIT मद्रास के शोधकर्ता अपनी AI और डेटा साइंस विशेषज्ञता का उपयोग मूल्यांकन के तरीके और शैक्षिक सामग्री के प्रसार के ढांचे में सुधार के तरीकों के साथ आने के लिए करेंगे. 

इन प्रयोगशालाओं से राज्य में लगभग 90 लाख छात्रों को लाभ होने का अनुमान है. IIT मद्रास के शोधकर्ता एक नई शिक्षण प्रबंधन प्रणाली विकसित करेंगे. इस पहल का नेतृत्व रॉबर्ट बॉश सेंटर ऑफ़ डेटा साइंस एंड AI (RBCDSAI) के संकाय, छात्रों, परियोजना सहयोगियों और चैनल भागीदारों द्वारा किया जाएगा. डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और आउटरीच गतिविधियों का विस्तार करने और आगे बढ़ाने की दृष्टि से IIT मद्रास में एक केंद्र शुरू होगा. इस पूरी पहल को तीन चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा. पहला चरण शैक्षिक सामग्री और मूल्यांकन के लिए सामग्री प्रबंधन पर केंद्रित होगा, दूसरा चरण शैक्षिक सामग्री और मूल्यांकन के लिए वितरण और प्रतिक्रिया पर काम करेगा और तीसरा चरण डेटा एनालिटिक्स, डैशबोर्ड और रिपोर्टिंग सिस्टम पर जोर देगा. 

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डॉ नंदन सुदर्शनम, प्रबंधन अध्ययन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और RBCDSAI के एक प्रमुख सदस्य IIT मद्रास की ओर से इस सहयोगी प्रयास के प्रमुख अन्वेषक हैं. इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम हमें सामग्री को अनुकूलित करने और प्रगति की निगरानी करने की अनुमति दे सकता है जो अन्यथा अकल्पनीय होगा. हम डेटा-संचालित ढांचे और इस माध्यम पर चलने वाले उपयोगी उपकरणों के एक सेट का निर्माण करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना चाहते हैं.  

अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, IIT मद्रास वर्तमान डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म यानी शिक्षा प्रबंधन सूचना प्रणाली को अपग्रेड करेगा. IIT मद्रास के शोधकर्ता अपनी AI और डेटा साइंस विशेषज्ञता का उपयोग मूल्यांकन के तरीके और शैक्षिक सामग्री के प्रसार के ढांचे में सुधार के तरीकों के साथ आने के लिए करेंगे. 

 

 

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