
India Today Education Conclave 2022: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडिया टुडे एजुकेशन कॉन्क्लेव के उद्घाटन भाषण में भारत में शिक्षा के भविष्य पर बात की. उन्होंने कहा कि जीआरई को बढ़ावा देने और न्यू स्किल के लिए 260 टीवी चैनल लॉन्च करना बजट में शामिल है. इंडिया टुडे एजुकेशन कॉन्क्लेव आज, 28 जून को आयोजित किया गया. जिसमें केंद्रीय कौशल विकास, उद्यमिता व शिक्ष मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'रीइमेजिनिंग एजुकेशन: द फ्यूचर ऑफ लर्निंग' पर उद्घाटन भाषण दिया.
शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर बात करते हुए कहा कि यह इंडिया में अंतिम छोर तक बैठे हर स्टूडेंट को सीखने के अवसरों को आगे बढ़ाने और छात्रों को अधिक रोजगार योग्य बनाने के लिए सही कौशल प्रदान करके भारत में शिक्षा प्रणाली में बदलाव ला रही है. इससे छात्रों को औपचारिक शिक्षा के तहत लाना है जिससे वो अर्थव्यवस्था का मूल्यवान हिस्सा बन सकें.
उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 के तहत, लगभग एक बच्चे की 20 साल की औपचारिक शिक्षा सरकार के प्ले स्कूल या आंगनवाड़ी से शुरू होकर प्रत्येक युवा को उच्च शिक्षा क्षेत्र तक स्किल्ड बनाए. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वास्तव में नामांकन करने वाले छात्रों की संख्या शिक्षा प्रणाली में बड़ी चुनौती को दर्शाती है.
भारत में छात्र आबादी 52.3 करोड़ है। लेकिन अगर हम आंगनवाड़ी के छात्रों, स्कूली छात्रों, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों और कौशल केंद्र के छात्रों की संख्या को जोड़ते हैं, तो यह 32 करोड़ छात्रों की बात आती है. यह संख्या लगभग 20 करोड़ युवाओं के अंतर को दर्शाती है, जिन्हें कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिल रही है. भविष्य में हमारी महत्वाकांक्षा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की है. लेकिन लगभग 20 करोड़ लोग क्षमता निर्माण औपचारिक शिक्षा के लिए अभी भी नहीं आ रहे हैं, यह एक बड़ी चुनौती है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बजट वादों में स्कूली शिक्षा के लिए 200 नए टीवी चैनल और उच्च शिक्षा के लिए 60 नए टीवी चैनल स्थापित करना शामिल है. उन्होंने कहा कि इन चैनलों के लिए सामग्री विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा और इन चैनलों का लक्ष्य अंतिम मील तक शिक्षा प्रदान करना होगा. प्रधान ने कहा कि चूंकि भारत में केवल 60% छात्रों की डिजिटल शिक्षा तक पहुंच है, इसलिए ये टीवी चैनल शिक्षा के लिए दुनिया में नंबर एक संचार प्रणाली हो सकते हैं.