
जेईई और नीट, देश के सबसे बड़े एंट्रेंस एग्जाम में से हैं जिनमें हर साल लाखों छात्र अपने बेहतर भविष्य के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंचते हैं. लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिए लाखों छात्रों के भविष्य से खेलने में जरा भी नहीं कतराते. पिछले साल जेईई मेन परीक्षा स्कैम में शामिल इंटरनेशनल हैकर्स, प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट्स और कुछ टीचर के क्राइम नेक्सस का अब भांडा-फोड़ हुआ है. स्कैमर्स IITs और देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट दिलाने की एवज में 12 से 15 लाख रुपये की मांग कर रहे थे. सीबीआई ने जेईई मेन परीक्षा में कथित धोखाधड़ी के मामले में रूसी नागरिक मिखाइल शार्गिन भी गिरफ्तार किया है.
पिछले साल के जेईई मेन में ऑनलाइन सिस्टम में हेराफेरी करके कंप्यूटर हैक करके 820 छात्रों की कथित तौर पर मदद करने के आरोप में रूसी नागरिक मिखाइल शार्गिन की गिरफ्तारी ने सांठगांठ का पर्दाफाश किया है. पिछले साल 9 लाख से अधिक छात्रों द्वारा लिए गए जेईई मेन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पाया है कि निजी कोचिंग सेंटरों पर इंटरनेशन हैकर्स ने छात्रों की मदद की थी. सीबीआई ने शार्गिन को 04 अक्टूबर, 2022 को कजाकिस्तान के अल्माटी से आते हुए इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा था.
सीट पर बैठे रहे छात्र, रिमोट एक्सेस से हैकर्स ने सॉल्व किया पेपर
सीबीआई ने कहा कि रूसी नागरिक ने अपने साथियों को रिमोट एक्सेस देने के लिए सॉफ्टवेयर हैक किया, जिन्होंने फिर छात्रों की ओर से प्रश्नों को हल किया. शार्गिन ने आईलियोन सॉफ्टवेयर (iLeon software) के साथ छेड़छाड़ की थी. आरोप है कि उसने जेईई मेन 2021 की परीक्षा में नकल कराने के लिए 820 छात्रों की मदद की थी.
यह रैकेट नोएडा की एक कंपनी Affinity Education प्राइवेट लिमिटेड-हरियाणा और अन्य जगहों पर ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का प्रबंधन करने वालों की मिलीभगत से चला रहा था. एजेंसी ने 01 सितंबर, 2021 को Affinity एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशकों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. निजी कोचिंग सेंटर ने कथित तौर पर टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला दिलाने के लिए परीक्षा केंद्र से दूर बैठे-बैठे रिमोट एक्सेस की मदद से छात्रों के पेपर सॉल्व किए. सीबीआई की जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े के लिए 12 से 15 लाख रुपये मांगे गए थे.
खुद तय किया एग्जाम सेंटर, सिक्योरिटी के लिए रखे जरूरी डॉक्यूमेंट्स
आरोपियों ने अभ्यर्थियों के यूजर आईडी और पासवर्ड भी अपने पास रखे और प्लानिंग के अनुसार अपने चुनिंदा एग्जाम सेंटर प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया था. एग्जाम सॉल्व करने की एवज में आरोपियों ने सिक्योरिटी के तौर पर उम्मीदवारों से पोस्ट डेटेड चेक पहले ही ले लिए थे, जिसे मेरिट लिस्ट में जगह दिलाने के बाद भुना लिया गया. इस बीच उम्मीदवारों के ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स जैसे 10वीं और 12वीं क्लास की मार्कशीट सिक्योरिटी के तौर पर अपने पास रख ली थी.
CBI रेड में धरे गए आरोपी, मिले अहम सबूत
मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने पिछले साल कई शहरों जैसे पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु में छापे मारे और 25 लैपटॉप, 7 पर्सनल कंप्यूटर और 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए थे. सीबीआई ने शार्गिन के अलावा एफिनिटी एजुकेशन के दो निदेशकों और चार कर्मचारियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था.
एफिनिटी एजुकेशन के निदेशक विश्वंभर मणि त्रिपाठी, सिद्धार्थ कृष्णा को पिछले साल सितंबर में कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान ऋतिक सिंह, अंजुम दाऊदानी, अनिमेष सिंह और अजिंक्य पाटिल के रूप में हुई है. झारखंड के रणजीत सिंह ठाकुर ने सॉल्वर की व्यवस्था की थी.
बता दें कि इसी साल जुलाई में CBI ने अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के एंट्रेंस यानी नीट एग्जाम में धोखाधड़ी के मामले में संदिग्ध मास्टरमाइंड और पेपर सॉल्वर सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी तरह पिछले साल, पुणे पुलिस ने झारखंड के जमशेदपुर से जीमैट एंट्रेंस एग्जाम में धांधली करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया और इसमें शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.