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15 लाख स्टूडेंट्स को साइकिल खरीदने के पैसे देगी झारखंड सरकार, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. इस बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 15 लाख विद्यार्थियों के बीच साइकिल वितरण किया जाना है.

समीक्षा बैठक के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर (फोटो सोर्स - ट्विटर) समीक्षा बैठक के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर (फोटो सोर्स - ट्विटर)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 13 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

झारखंड सरकार 15 लाख छात्रों को साइकिल देने की घोषणा की है. राज्य सरकार साइकिल खरीदने के पैसे सीधे छात्रों के अकाउंट में भेजेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी योजनाएं चल रही है, उसका लाभ राज्य वासियों को हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करें. आदिवासी, दलितों पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के विकास पर सरकार का विशेष जोर है. ऐसे में इनके लिए संचालित योजनाएं सुचारू तरीके से संचालित होनी चाहिए.

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सीएम हेमंत सोरेन ने इस बैठक में विशेष रूप से साइकिल वितरण योजना, एकलव्य और आश्रम विद्यालय, छात्रावासों का जीर्णोद्धार, कल्याण अस्पतालों का संचालन और छात्रवृत्ति योजनाओं की विशेष रुप से समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों से इन योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 15 लाख विद्यार्थियों के बीच साइकिल वितरण किया जाना है. यह काफी चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में  साइकिल की बजाए विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से साइकिल के लिए जो राशि दी जाती है, उसे भेजने की योजना पर काम करें. ताकि, विद्यार्थियों को तय समय सीमा में इसका लाभ मिल सके.

छात्रावास बनाने के भी निर्देश
सीएम ने निर्देशन दिए कि छात्रावासों का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार होना चाहिए. जो छात्रावास पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, उसे तोड़कर उसी जगह नए छात्रावास का निर्माण हो. छात्रावासों में रसोईया, चौकीदार और बिजली-पानी और शौचालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं बेहतर तरीके से होनी चाहिए . छात्रावास पूरी तरह चकाचक रहे इसे हर हाल में सुनिश्चित करें. जिलों में जितने छात्रावास अवस्थित हैं, उनकी संख्या और वहां रहने वाले विद्यार्थियों की सूची तैयार करें और इन छात्रावासों में विद्यार्थियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए सेंट्रलाइज्ड किचन की व्यवस्था करने संबंधित कार्य योजना बनाई जाए.

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उन्होंने एकलव्य और आश्रम विद्यालय  को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तर्ज पर चलाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इन स्कूलों में शिक्षकों और कर्मियों के पदों पर शत प्रतिशत स्थानीय की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है.

 

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