Advertisement

BHU काशी को समझाने के लिए शुरू कर रहा ये नया कोर्स, जानिए- कैसे मिलेगा एडमिशन

सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन यानी संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि इतिहास विभाग कई नए कोर्स शुरू करने वाला है.

BHU BHU
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 18 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

काशी हिंदू विश्वविद्यालय अपने नए-नए कोर्सेज, शोध और पठन-पाठन के लिए चर्चित रहा है. एक बार फिर यह चर्चा 'काशी' को लेकर है. जी हां काशी यानी बनारस या वाराणसी. अपने नए सत्र से BHU के सोशल साइंस संकाय के अंतर्गत आने वाले इतिहास विभाग में एम.ए. में 'काशी स्टडीज' नाम के नए कोर्स को पढ़ाने जा रहा है. इसे लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और कोर्स भी बनकर तैयार हो चुका है.

Advertisement

माना जा रहा है क‍ि काशी को समझने और जानने का इससे बढ़िया अवसर कोई और नहीं है. अगर आप भी दुनिया के सबसे प्राचीन शहर काशी या बनारस या वाराणसी के बारे में जानना चाहते हैं. काशी के खान-पान, रहन-सहन, संस्कृति, सभ्यता, मठ, मंदिर, घाट और तमाम विरासत को समझना चाहते हैं तो जल्द ही BHU के सामाजिक विज्ञान संकाय का इतिहास विभाग इसे पूरा कर देगा.

यहां 'काशी स्टडीज' में एमए की पढ़ाई नए सत्र में होने जा रही है. इतना ही नहीं इस अनोखी पढाई का कोर्स भी बनकर तैयार हो चुका है. इस बारे में सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन यानी संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि इतिहास विभाग कई नए कोर्स शुरू करने वाला है. जिसमें से एक 'काशी स्टडीज' नाम का भी कोर्स है और दुनिया में पहली बार ऐसा कोई कोर्स काशी हिंदू विश्वविद्यालय इंट्रोड्यूस कर रहा है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हर साल काशी में बहुत सारे लोग आते हैं, लेकिन काशी को बहुत कम लोग जानते हैं. काशी जीवन पद्धति में है ना कि किताबों में है. इसलिए काशी की जीवन पद्धति को ध्यान में रखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में काशी स्टडीज कोर्स चलाया जाएगा, जिसमें एमए के छात्रों को काशी की समृद्ध संस्कृति और पांडित्य परंपरा, राजनीति की परंपरा से अवगत कराया जाएगा, इसलिए यह कोर्स बन रहा है. हमारी एक्सपर्ट कमेटी ने इस कोर्स को अप्रूव कर दिया है.

आने वाले दिनों में जब एकेडमिक काउंसिल होगी या एक्सक्यूटिव काउंसिल होगी उसमें यह कोर्स जाएगा और उनके अप्रूवल मिलने के बाद यह पढ़ाई शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि काशी स्टडीज से मेरा मानना यह है कि आने वाले दिनों में बनारस पर्यटन और काशी को समझने वाले लोगों का एक हब बनने जा रहा है. विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण काशी की महत्ता और भी बढ़ चुकी है. गंगा की सफाई के कारण भी काशी की महत्ता बढ़ चुकी है.

लोग काशी आकर बसना चाहते हैं. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए काशी स्टडीज कोर्स इतिहास विभाग ने बनाया है जो सामाजिक विज्ञान संकाय में है. कोर्स में काशी की संगीत परंपरा, पांडित्य परंपरा, काशी के घाट, गंगा, गलियां, आहार-व्यवहार, खानपान, जीवन पद्धति, सांस्कृतिक-साहित्यिक सारी पद्धतियों का एक अकादमिक रूप से शिक्षण का काम विश्वविद्यालय का इतिहास विभाग करेगा और इसे पढ़कर निकले विद्यार्थियों को काम करने का अवसर भी मिलेगा.

Advertisement

बता दें कि‍ आने वाले दिनों में काशी एक विशाल पर्यटन का हब बन जाएगा तो बाहर के लोगों को बताने समझाने का काम यही काशी स्टडीज की पढ़ाई किए हुए छात्र करेंगे और गाइड के रूप में भी रोजगार मिल सकता है. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काशी के लोग जो पूरी दुनिया में फैले हैं. उन लोगों ने भी इस कोर्स में अपना दाखिला लेने और पढ़ने पढ़ाने के लिए अपनी रुचि दिखाई है जिससे हम उत्साहित हैं. यह कोर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलेगा. जिस तरह से डायना और मोतीलाल जी जैसे लोगों ने काशी पर किताबें लिखी हैं. इसी आधार पर इस कोर्स की रचना की गई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement