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केके पाठक को पटना हाई कोर्ट से झटका, कोचिंग टाइमिंग के आदेश पर लगी रोक

KK Pathak Patna High Court: शिक्षा विभाग की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि कोचिंग का संचालन सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक नहीं किया जाएगा. कोचिंग संस्थानों ने शिक्षा विभाग के इस आदेश का विरोध किया था. बाद में कोचिंग एसोसिएशन आफ भारत की तरफ से पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
शशि भूषण कुमार
  • पटना ,
  • 05 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

KK Pathak Patna High Court Case: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक अपने आदेश को लेकर लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं. के के पाठक ने जब से शिक्षा विभाग की कमान संभाली है तब से वह लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं.

केके पाठक ने लगातार बिहार के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण भी किया है और उनके इस एक्शन से स्कूलों में पढ़ाई ट्रैक पर आनी शुरू भी हुई है लेकिन कोचिंग संचालन को लेकर केके पाठक की तरफ से दिए गए आदेश को पटना हाई कोर्ट से झटका लगा है. पटना हाई कोर्ट ने कोचिंग संचालन की टाइमिंग को लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश पर रोक लगा दी है.

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ये है पूरा मामला 
दरअसल, शिक्षा विभाग की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि कोचिंग का संचालन सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक नहीं किया जाएगा. कोचिंग संस्थानों ने शिक्षा विभाग के इस आदेश का विरोध किया था. बाद में कोचिंग एसोसिएशन आफ भारत की तरफ से पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मोहित कुमार शाह की एकल पीठ ने शिक्षा विभाग के फैसले पर रोक लगा दी. पटना हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से कहा गया है की कोचिंग रेगुलेशन एक्ट 2010 के नियमों के मुताबिक सरकार को कोचिंग टाइमिंग रेगुलेट करने का अधिकार नहीं है यह, अधिकार केवल कोर्ट के पास है.

कोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक 
इस दलील को सुनने के बाद पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है जो 31 जुलाई 2023 को जारी किया गया था. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की तरफ से इसी आदेश में कोचिंग संचालन की टाइमिंग तय की गई थी जिसमें सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक कोचिंग सेंटर चलाने पर रोक लगाई गई थी. इस आदेश के पीछे शिक्षा विभाग का यह तर्क था कि स्कूलों के संचालन के समय कोचिंग सेंटर संचालित किए जाने से छात्रों की उपस्थिति कम हो जाती है.

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