
राजस्थान के 'कोचिंग हब' कहे जाने वाले कोटा में छात्र-छात्राओं को घर जैसा माहौल देने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मीटिंग कर रहे हैं. ताकि छात्र आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम न उठा सके. इस साल में कोटा में छात्र आत्महत्या के मामलों ने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं. इस साल अक्टूबर 2023 तक 27 छात्र-छात्राओं ने सुसाइड किया है. छात्रों को ध्यान रखने के लिए प्रशासन लगातार जरूरी कदम उठा रहा है.
कोटा में जिला कलक्टर एमपी मीना की अध्यक्षता में बुधवार को कोचिंग संस्थानों की बैठक आयोजित की गई जिसमें कोचिंग संस्थानों के लिए जारी गाइडलाइन की पालना की समीक्षा की गई एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों की पालना रिपोर्ट की भी जानकारी ली गई. बैठक में पुलिस अधीक्षक शहर शरद चौधरी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह भी मौजूद रहे.
कोटा जिला कलेक्टर ने प्रत्येक कोचिंग संस्थान से उनके यहां कोचिंग विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल देने की दिशा में चल रही गतिविधियों की जानकारी ली. साथ ही निर्देश दिए कि इन गतिविधियों का प्रभावी तरीके से संचालन होना चाहिए, ये औपचारिकता होकर नहीं रह जाए. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को घर जैसा माहौल देना और अभिभावक की जिम्मेदारी निभाना हम सभी का दायित्व है. कोचिंग एवं हॉस्टल, पीजी संचालक इस बात का गंभीरता से ध्यान रखें.
कोटा सिटी पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने विद्यार्थियों के व्यवहार उनके रूटीन में बदलाव जैसी चीजों पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देने और समय पर उचित कदम उठाने की सलाह दी. सभी कोचिंग संचालकों को निर्देश दिए कि पूर्व में निर्धारित की गई गाइडलाइन की पूर्ण पालन की जाए और माहौल को अधिक रुचिकर एवं सकारात्मक बनाने के लिए कार्य किया जा.। बैठक में कोचिंग संस्थानों पर निगरानी के लिए गठित नोडल अधिकारी एवं अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.