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Kota Suicide: 'सॉरी पापा मैं थानेदार नहीं बन पाऊंगा'... पिता की मौत के 13 दिन बाद छात्र ने किया सुसाइड

कोटा में एक और छात्र ने फांसी लगाकर अपने जान ले ली है. जानकारी के अनुसार, छात्र के पिता की हार्ट अटैक के कारण 13 दिन पहले मृत्यु हुई थी, पिता का सपना था कि उनका बेटा थानेदार बने. पिता की मौत से तनाव में आकर छात्र ने फांसी लगा ली है.

Kota Suicide Kota Suicide
चेतन गुर्जर
  • कोटा,
  • 10 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

कोटा से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. शिक्षा नगरी में एक और छात्र ने सुसाइड कर लिया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और पिता की मौत के कारण काफी सदमे में था. 

कोटा के आरकेपुरम थाना क्षेत्र स्थित आवली रोजड़ी निवासी 19 साल के छात्र ने सुसाइड कर लिया है. वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. 12-13 दिन पहले ही छात्र के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. इसके बाद से ही छात्र तनाव में रहता था. पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है - सॉरी पापा में थानेदार नहीं बन पाऊंगा और लिखा कि उसे पिता से काफी प्रेम था. वह अपने पिता के सबसे नजदीकी था. पिता चाहते थे के वह थानेदार बनकर सबका नाम रोशन करे.

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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था छात्र

मृतक छात्र सुभाष गुर्जर कोटा स्थित अपने मकान में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था. सुभाष ने 12वीं क्लियर कर ली थी. 13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई, उसके बाद से ही सदमे में था और पिता का सपना था कि सुभाष पुलिस सेवा में भर्ती हो. सुभाष ने अपने आंवाली रोजड़ी स्थित मकान में फंदे पर लटक कर जान दी है. 

आरकेपुरम थाना के सबइंस्पेक्टर रोहित कुमार ने कहा कि परिजनों के द्वारा हमें छात्र के सुसाइड की सूचना मिली थी. छात्र आवली रोजड़ी स्थित अपने मकान में रह रहा था. छात्र का नाम सुभाष गुर्जर है. पिता छोटूलाल मूल रूप से गंगापुर सिटी के रहने वाले थे. 2 दिन से परिजनों की इससे बात नहीं हो पा रही थी. परिजनों ने आसपास में लोगों को फोन किया और कहा कि उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा है. 2 दिन से बात नहीं हो पा रही है, उसके बाद थाना आरके पुरम पर हमें सूचना मिली कि एक युवक सुभाष गुर्जर का कमरा अंदर से लॉक है, मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है, हम मौके पर गए और देखा कि मकान का अंदर से गेट बंद था.

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उसके बाद हमने परिजनों से बात की तो परिजनों ने कहा कि हम पहुंचने वाले हैं, उसके बाद हमने परिजनों के सामने गेट खोला देखा तो सुभाष फंदे से लटका हुआ था. परिजनों ने बताया कि उसके पिताजी का सपना था कि वह पुलिस सेवा में जाए. 12 से 13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, उस वजह से भी डिप्रेशन में था, पढ़ाई को लेकर भी थोड़ा डिप्रेशन था. सुभाष ने 12वीं क्लास क्लियर की है और फर्स्ट ईयर में अभी पढ़ रहा था. मकान चारों ओर से पैक था, इसीलिए किसी को पता नहीं लग पाया शव कई दिन तक फंदे पर लटका रहा.

सुसाइड नोट में सुभाष ने लिखा कि 'पिताजी आप चाहते थे कि मैं एक पुलिस अधिकारी बनूं, पर उसमें मैं नाकामयाब रहा'. पिता की मृत्यु के बाद सुभाष भी गांव गया था, वह हाल ही में कोटा आया था. बुधवार को परिजनों ने उसे काफी बार फोन लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर परिजन चिंतित हो गए. उन्होंने पड़ोसी को फोन कर सुभाष की जानकारी ली, तब सुसाइड का पता चला. बुधवार रात को सूचना मिलने पर पुलिस ने शव मेडिकल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. गुरुवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है.

(अगर आपके या आपके किसी परिचित में मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.) 

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