
कोटा में स्टूडेंट सुसाइड केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. राज्य सरकार, प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के तमाम कोशिशों के बावजूद छात्रों की आत्महत्या की खबरें सामने आ रही हैं. इसी साल में छात्र आत्महत्या की 25वीं घटना सामने आई है. बुधवार (13 सितंबर 2023) को झारखंड से कोटा आई 16 वर्षीय छात्रा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. ऐसे में राजस्थान में मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोटा में बच्चों की सुसाइड मामलों में कोचिंग इंस्टीट्यूट और पेरेंट्स को जिम्मेदार बताया है.
बच्चों को डिप्रेशन में डाल रहे कोचिंग सेंटर्स: मंत्री
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बच्चों को डिप्रेशन ने डालने का काम कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा माता-पिता अपने बच्चों के जरिये अपने सपने पूरा करना बंद करें. सरकार की जवाबदेही के सवाल पर खाचरियावास ने कहा कि सरकार ने कदम उठाए हैं, जो कोचिंग इंस्टीट्यूटस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं उन पर नकेल कसी जाएगी.
इससे पहले भी उन्होंने कोचिंग सेंटर्स और उनके संचालकों को निशाने पर लेते हुए कड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि राजस्थान के कोचिंग सेंटर्स के मैनेजर्स के पास काफी ज्यादा पैसे हैं, लेकिन वे बच्चों को डरा नहीं सकते. वे छात्रों को हतोत्साहित करने का करते हैं. उन्होंने अपने बच्चों को कोटा भेजने वाले पेरेंट्स से भी उनपर दबाव न डालने की अपली की थी. उन्होंने कहा था कि उनके बच्चे कोचिंग की वजह से सफल नहीं होते हैं बल्कि वो पहले से ही बहुत होनहार हैं.
बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरा
वहीं कोटा में बच्चों की आत्महत्या पर विपक्ष के नेता और राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ कि बीजेपी के शासनकाल में जब एक महीने में सात आत्महत्या हुई तो हमने एक कमेटी बनाई थी. कमेटी वहां गई और उसके बाद तय हुआ कि हर कोचिंग सेंटर में पोस्टर लगाए जाएंगे, बच्चों की काउंसलिंग करेंगे और अगर बच्चा डिप्रेशन में जाता दिखाई देगा तो उसका उचित इलाज करेंगे. उसके बाद यह सब ठंडे बस्ते में चली गई. राजस्थान की सरकार ने विधानसभा में कहा कि हम कोचिंग इंस्टीट्यूट एक रेगुलेटरी कमिशन बनाएंगे, लेकिन वह भी नहीं बनाई. ना ही इन्होंने काउंसलर रखें, यह बड़ा ही दुर्भाग्य है.