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कोटा में फिर शुरू हुआ सुसाइड का सिलसिला, 'प्रेशर' में छात्र, जिम्मेदार हैं ये वजहें!

साल की शुरुआत में ही कोटा से एक हफ्ते में सुसाइड के दो मामले सामने आ चुके हैं. हाल ही में कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के तनाव को कम करने और उनकी समस्याओं के निवारण के लिए जिले के डीएम ने टीम का गठन किया था. टीम ने तनाव की ये वजहें पता लगाईं.

Kota Student Cell Kota Student Cell
चेतन गुर्जर
  • कोटा,
  • 30 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

राजस्थान का कोटा जिला इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग का हब है. यहां हर साल लाखों बच्चे अपने सपने पूरे करने आते हैं. ऐसे में कई छात्र सफल हो जाते हैं और कई छात्रों को घर लौटना पड़ता है. साल 2024 के पहले महीने में ही दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. सोमवार को भी ऐसी ही निराशापूर्ण खबर सामने आई जब जेईई की छात्रा ने सुसाइड का रास्ता अपनाया. ये इकलौता मामला नहीं है, निराशा की वजह से सुसाइड और मेंटल डिप्रेशन के कई मामले कोटा से अक्सर आते हैं.

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कुछ समय पहले कोटा प्रशासन द्वारा एक पहल शुरू की गई है. यहां जिलाधिकारी की निगरानी में एक सेल का गठन किया गया है जो छात्रों की समस्याओं का निवारण करने का प्रयास कर रही है. साथ ही, ये टीम उन वजहों का भी पता लगा रही है जिससे छात्र परेशान हैं और अपनी जिन्दगी खत्म करने तक का सोच लेते हैं. 

कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों की विभिन्न समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए अभय कमांड सेंटर में गठित स्टूडेंट सेल को 6 महीने में 707 विभिन्न शिकायतें मिली थीं, जिसमें से 697 का निस्तारण भी किया जा चुका है. पुलिस महानिरीक्षक कोटा रेंज प्रसन्न कुमार खमेसरा ने बताया कि टीम द्वारा रोज विद्यार्थियों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है. साथ ही, गेटकीपर के रूप में परेशान विद्यार्थियों की पहचान की जाती है और फिर उनको आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाती है. 

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मानसिक रूप से पेरशान छात्रों के लिए शुरू किया गया दरवाजे पर दस्तक अभियान

मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से पीड़ित छात्र/छात्राओं की पहचान करने के लिए "दरवाजे पर दस्तक" अभियान शुरु किया गया है. इसमें पीजी मालिकों व हॉस्टल वार्डन द्वारा रात में सोने से पहले हर कमरे में जाकर विद्यार्थियों से उनके हालचाल पूछे जा रहे हैं. टीम द्वारा कोचिंग कैम्पस के आसपास छात्रों को 24x7 हेल्पलाइन नम्बर 8764520409/10, 9530442778 के बारे में जानकारी देकर बैनर चिपकाए गए हैं. कोचिंग सेन्टर, हॉस्टल, मेस आदि पर स्टूडेंट सेल का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. हॉस्टलों की व्यवस्था पर निगरानी रखी गई है. हॉस्टल मालिकों  को छात्र और अभिभावकों से बातचीत करने को कहा गया हे. साथ ही विद्यार्थियो की गतिविधियों पर निगरानी रखने का निर्देश भी है. 

कोटा में छात्रों के तनाव के ये मुख्य कारण आए सामने

रिसर्च में पाया गया कि माता-पिता से दूर रहना तथा छात्रों पर उनकी अपेक्षाओं का दबाव मानसिक रूप से उन्हें परेशान कर रहा है. इसके अलावा विद्यार्थियों पर पढ़ाई का प्रेशर भी है. कोचिंग में अनुपस्थिति, कोटा में पढ़ाई का बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल, खराब भोजन, बीमार होने से पढ़ाई में पीछे रह जाना और परिवार से पहली बार दूर रहे रह छात्रों के लिए यह असली चुनौती है.

इसके अलावा नीट में प्राइवेट कॉलेजों की ज्यादा फीस, सरकारी कॉलेजों में प्रवेश की गलाकाट प्रतिस्पर्धा, सामाजिक दिखावे से अबोध बच्चे बिना अभिरुचि के कोटा में पढ़ने की भेड़ चाल में फंस जाते हैं. इसके अतिरिक्त पारिवारिक कारण एवं प्रेम संबंधों से भी विद्यार्थी मानसिक अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं. स्टूडेन्ट सेल की टीम द्वारा ऐसे छात्रों में अवसाद के लक्षणों की पहचान कर हॉस्टल स्टाफ, मैस स्टाफ, सहपाठी छात्र, कोचिंग छात्र कल्याण परिषद एवं अभिभावकों को आगाह कर छात्रों को अवसाद मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

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छात्रों की काउंसलिंग:

स्टूडेन्ट सेल के प्रभारी ठाकुर चन्द्रशील कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी सी.बी. रेंज सेल कोटा तथा टीम द्वारा समय-समय पर विभिन्न स्टेक-हॉल्डर्स, विद्यार्थियों, अविभावकों, कोचिंग, शिक्षकों, छात्र कल्याण परिषदों मनोचिकित्सकों, काउंसलर इत्यादि से बात करके मानसिक स्वास्थय संबंधी समस्याओं के लक्षणों की पहचान कर उनका समाधान निकाला जा रहा है.

कोचिंग स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गठित स्टूडेंट सेल की टीम अब डोर टू डोर जाकर छात्रों को तनाव मुक्त करने का प्रयास कर रही हैं. टीम के पास पिछले छह महीने में 700 से अधिक शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें से 679 मामलों को सुलझा दिया गया है. स्टूडेंट सेल की टीम के पास छात्र खुद चलकर अपनी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं, जिनका लगातार निस्तारण किया जा रहा है.
 

कोटा में मिलीं किस तरह की श‍िकायतें

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी सीबी रेंज सेल कोटा एवं प्रभारी स्टूडेंट सेल ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि 22 से 31 दिसंबर 2023 तक सिक्योरिटी मनी रिफंड से सम्बन्धित 420 समस्याएं सामने आईं थीं, जिनमें 410 को सुलझा दिया गया है, अभी 10 बाकी हैं. छेड़छाड़/आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में 9 शिकायतें, चोरी संबंधी 11 शिकायतें, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी संबंधी 25 शिकायतें और लड़ाई- झगड़ा संबंधी 74 शिकायत दर्ज कराई गई थीं. इन सभी समस्याओं का निवारण कर दिया गया है.

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