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Rohini Acharya Education: बिहार के राजनीतिक गलियारों में रोहिणी आचार्य का नाम सुर्खियों में बना हुआ है. बिहार के राजनेता व राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी सियासी डेब्यू कर रही हैं. रोहिणी आचार्य बिहार की सारण सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. उन्होंने आज यानी 2 अप्रैल से अपने जनसंपर्क अभियान का आगाज करने का ऐलान किया है.
लालू यादव की बेटी आज से चुनावी मैदान में उतर रही हैं. प्रचार अभियान शुरू करने से पहले रोहिणी अपने पिता लालू यादव, माता राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के साथ हरिहरनाथ मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की है. सारण से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहीं रोहिणी आचार्य शिक्षित और पेशेवर महिला हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में खास बातें.
पेशे से डॉक्टर हैं लालू यादव की छोटी बेटी
रोहिणी आचार्य राजनीति में उतरने जा रही हैं लेकिन पेशे से वह एक डॉक्टर हैं. साल 2022 में अपने पिता लालू यादव की तबीयत खराब होने पर रोहिणी ने उन्हें किडनी देकर जीवनदान दिया था. रोहिणी ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना से ही पूरी की है. बता दें कि रोहिणी का जन्म स्थान भी पटना ही है. स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद रोहिणी अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर से बाहर गईं थीं.
स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद रोहिणी ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से डॉक्टरी की डिग्री हासिल की . बता दें कि लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने भी यहीं से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की है.
साल 2002 में हुई थी रोहिणी की शादी
रोहिणी ने डॉक्टर की डिग्री हासिल की हुई है और अब वह अपना राजनीतिक डेब्यू करने जा रही हैं. साल 2002 में उनकी शादी समरेश सिंह से हो गई थी. समरेश सिंह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उस दौरान वह अमेरिका में जॉब किया करते थे. शादी के बाद रोहिणी कई सालों तक सिंगापुर में ही रही हैं और वह चुनाव लड़ने के लिए बिहार लौट चुकी हैं.
राजनीतिक डेब्यू पर क्या बोलीं रोहिणी आचार्य
आजतक से खास बातचीत में रोहिणी हंसते हुए कहती हैं कि सिंगापुर से ही हम सबकी नाक में दम किए हुए थे. अब सारण की धरती पर आ गए हैं तो सारण की पूरी जनता मेरा साथ देगी. रोहिणी आचार्य ने दावा किया कि सारण की जनता इस बार बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि माताएं, बहनें और बुजुर्ग, सभी तैयार हैं. चुनावी पिच पर उतरने को तैयार लालू यादव की बेटी ने यह भी कहा कि हरिहरनाथ मंदिर में अच्छी पूजा हुई.
सारण सीट ने लालू यादव लड़ चुके हैं चुनाव
बता दें कि बीजेपी ने सारण सीट पर अपने मौजूदा सांसद और कद्दावर पार्टी नेता राजीव प्रताप रूडी को ही फिर से उम्मीदवार बनाया है. सारण सीट पर लालू परिवार का बेहद प्रभाव माना जाता है. इसी सीट (तब छपरा) से साल 1977 में लालू यादव पहली बार जीतकर संसद पहुंचे थे. इस सीट पर 2004 में लालू यादव ने रूडी को हरा दिया था और सारण से तीसरी बार संसद बने थे. 2009 में भी लालू यादव इस सीट से चुनाव जीत गए थे. इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजीव प्रताप रुडी ने इस सीट पर अपनी बादशाहत कायम रखी है.