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मोदी सरकार देश भर में 15000 मॉडल स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है. पीएम श्री स्कूल योजना (PM Shri School Yojana) के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में सरकार ने देश के हर एक ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का फैसला किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बताया कि यह फैसला एजुकेशन क्वालिटी बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
दरअसल, आईआईटी-भुवनेश्वर कैंपस में एक नए केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 15000 मॉडल स्कूल की जानकारी दी. उन्होंने बताया इनमें 500 से ज्याजा स्कूल ओडिशा में ही खोले जाएंगे. ओडिशा में जल्द ही पांच और केंद्रीय विद्यालय होंगे.
सभी के लिए शिक्षा का उद्देश्य, ऐसे बनेंगे मॉडल स्कूल
सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और कोई भी शिक्षा से वंचित न हो, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र ने देश के हर एक ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का फैसला लिया है. शिक्षा मंत्री ने आईआईटी-भुवनेश्वर परिसर में एक केंद्रीय विद्यालय के 'भूमि पूजन' (शिलान्यास समारोह) करने के बाद कहा कि किसी भी राज्य के सरकारी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय या नवोदय विद्यालय को मॉडल स्कूल में बदला जा सकता है. ओडिशा के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए मोदी सरकार की सीधी निगरानी में स्कूलों की स्थापना की जाएगी.
समग्र शिक्षा योजना के लिए खर्च होंगे 3 लाख करोड़ रुपये
IIT भुवनेश्वर केंद्रीय विद्यालय को राज्य के 66वें केंद्रीय विद्यालय के रूप में स्थान दिया जाएगा. समग्र शिक्षा योजना (Samagrika Siksha Yojana) के तहत अगले चार साल में शिक्षा योजना पर 3 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे और भारत सरकार ओडिशा सहित देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाएगी. इन स्कूलों के छात्रों को सरकार द्वारा विशेष शिक्षा दी जाएगी.
25 करोड़ रुपये के खर्च से आईआईटी भुवनेश्वर में बनेगा केंद्रीय विद्यालय
उन्होंने कहा कि IIT Bhubaneswar में केवी, छात्रों को बड़े सपने पूरे करने के लिए एक अनुकूल वातावरण देगा. धर्मेंद्र प्रधान ने अपने ऑफिशियल ट्वीट किया और कहा कि अगले चरण में, 10 एकड़ जमीन में परमानेंट क्लासेस तैयार की जाएंगी जिसके बाद केंद्रीय विद्यालय को रिलोकेट किया जाएगा. इस प्रक्रिया में 25 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट रखा गया है. उन्होंने कहा कि इस अनुकूल माहौल में केवी के छात्र पढ़ेंगे और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सीखेंगे. नतीजतन, बच्चे पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह सपने देखेंगे.
IIT के केवी में पढ़ेंगे पहली से 5वीं तक के स्टूडेंट्स
फिलहाल, आईआईटी में केवी के लिए टेंपरेरि बिल्डिंग होगी जिसमें इस एकेडमिक ईयर के लिए कक्षा I से V तक के छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा. इस पहल से आईआईटी के प्रोफेसरों, असिस्टेंट प्रोफेसरों और स्टाफ के बच्चों के अलावा राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के बच्चों को पढ़ने का मौका मिलेगा.
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इस साल से शुरू होगा 4 साल का टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम
गौरतलब है कि हाल के दिनों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत टीचर्स के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है. टीचर्स के लिए इस साल 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) का मॉडल लॉन्च किया जाएगा. इससे टीचर्स की एफिशिएंसी बढ़ेगी और स्टूडेंट्स को फायदा होगा.