
Rajasthan Weather: राजस्थान का जिला चुरू, वर्षों से अपने असमान तापमान के लिए जाना जाता है. चुरू भारत के सबसे गर्म क्षेत्रों में से एक थार रेगिस्तान के करीब स्थित है, लेकिन शनिवार 18 दिसंबर, 2021 को यहां 1.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था. पिछले साल इस क्षेत्र में शून्य से 1.5 डिग्री नीचे पारा दर्ज किया गया था, जो 46 वर्षों में दिसंबर में सबसे कम था. इससे पहले, चुरू में सबसे कम तापमान 28 दिसंबर, 1973 को शून्य से 4.6 डिग्री नीचे चला गया था. 2011 में शहर का न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) शून्य से 1.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया था. यहां तक कि दिसंबर और जनवरी के दौरान इस क्षेत्र में बर्फ भी देखी गई है.
इसके ठीक विपरीत, गर्मियों में इलाके में आग उगलती धूप से तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. बता दें कि 01 और 02 जून 2019 को चुरू ने 50.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है. अपने गर्म मौसम के लिए मशहूर राजस्थान में सर्दियों में पारा इतना कम कैसे हो जाता है, आइये जानते हैं इसका कारण.
क्यों बदल रहा है चुरू में मौसम?
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इसकी कई वजहे हैं. प्रोफेसर माधव शर्मा और प्रो. इसरान का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण इसका कारण है. यह गर्मी को ट्रैप कर लेता है और मौसम के मिजाज को बदल देता है. तरंगर तहसील के भालेरी गांव के किसान और पूर्व स्कूल प्रिंसिपल रामस्वरूप सहारन ने कहा, "ग्लोबल वार्मिंग और कंक्रीटाइजेशन के कारण गर्मी अधिक है. जंगल कम हुए हैं और वाहन बढ़े हैं, जिसका असर मौसम पर पड़ रहा है." जयपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार नारायण बरेथ कहते हैं, ''उद्योग बढ़ रहा है, एयर-कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ रहा है, कारें बढ़ रही हैं. पर्यावरण प्रदूषित है. यह सब ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाता है."
चुरू को 'थार रेगिस्तान का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है. निश्चित रूप से यह जलवायु परिवर्तन की एक बड़ी वैश्विक श्रृंखला में सिर्फ एक कड़ी है. जलवायु परिवर्तन पर राजस्थान राज्य कार्य योजना 1970 के बाद वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की वृद्धि पर विचार जारी है. ऊर्जा क्षेत्र में अधिक गतिविधि, जीवाश्म ईंधन के बढ़ते उपयोग, कृषि क्षेत्र में उत्सर्जन और बढ़ती औद्योगिक प्रक्रियाओं के कारण उत्पन्न कारक ही जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं.