
NEET UG 2021: फीजिक्स के प्रश्नपत्र में एक सवाल की शुद्धता को लेकर कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम आदेश दिया है.
इसके अनुसार भौतिकी के इम्तिहान में एक प्रश्न की शुद्धता का मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों की समिति करेगी. केंद्र को ये समिति गठित करने के आदेश दिए गए हैं. समिति की राय और समुचित समाधान का हलफनामा केंद्र दाखिल करेगा. इस मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम भौतिकी में असफल नहीं होना चाहते क्योंकि हम विषय के बारे में कुछ भी नहीं जानते. यह बेहतर होगा कि इसकी जांच ऐसे विशेषज्ञों द्वारा की जाए जो विज्ञान की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं परिभाषाएं भी जानते हों.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो कमेटी पहले से गठित है उसके अलावा एक अन्य कमेटी का गठन किया जाएगा. दरअसल NEET 2021 में पूछे गए भौतिकी के एक सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता परीक्षा देने वाले छात्रों ने शीर्ष अदालत में याचिका लगाकर अपील की है कि अदालत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नीट 2021 में पूछे गए भौतिकी के एक सवाल को हटाने और दोबारा रिजल्ट जारी करने का निर्देश दे.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भौतिकी सेक्शन में प्रश्न संख्या 2 में पूछे गये सवाल का हिन्दी अनुवाद गलत था. प्रश्न के हिन्दी अनुवाद में ‘amplitude of current’ का जिक्र ही नहीं किया गया था जो कि अंग्रेजी में पूछे गये सवाल का हिस्सा था. अत: जिन परीक्षार्थियों ने हिन्दी के सवाल पढ़कर उत्तर दिया, उनके उत्तर गलत हुए क्योंकि सवाल का अनुवाद ही गलत था.
याचिका में कहा गया है कि NTA की इस गलती के कारण हिन्दीभाषी स्टूडेंट्स को अंकों और रैंक का नुकसान भुगतना पड़ रहा है. वैसे, NTA का नियम कहता है कि NEET परीक्षा में किसी सवाल के अनुवाद में किसी भी तरह की अस्पष्टता या संशय की स्थिति में उस सवाल का इंग्लिश वर्ज़न फाइनल माना जाएगा. इस संबंध में एनटीए का निर्णय ही अंतिम होगा.
NEET UG 2021 के प्रश्नपत्र से हिंदी अनुवाद में भौतिक विज्ञान अनुभाग से एक सवाल हटाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से NEET UG के सवाल के अनुवाद में त्रुटि की दुबारा जांच करने को कहा है. NTA ने भी NEET UG के सवाल के हिंदी अनुवाद में कथित त्रुटि दुबारा जांच करने के लिए सहमति जताई.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी
NTA की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सवाल का दुबारा मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों के पैनल द्वारा किया जाएगा, विशेषज्ञ पैनल द्वारा प्राप्त परिणाम को लेकर एक हलफनामा दायर करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि NEET की परीक्षा में 15 लाख छात्र शामिल हुए जिनमें सिर्फ 2 लाख छात्र हिंदी के थे, दोनों के लिए निगेटिव मार्किंग समान है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बतया की पहले भौतिक के सवाल का मूल्यांकन विशेषज्ञों के तीन सदस्य पैनल द्वारा किया गया था. पैनल का कहना है कि सवाल का जवाब समान ही आया.