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NEET पर उबाल जारी है! कोटा में NSUI कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज, दिल्ली में भी प्रोटेस्ट

NEET UG Paper Leak Case: एनएसयूआई राजस्थान प्रभारी अखिलेश यादव का कहना है कि एनएसयूआई नीट परीक्षा में धांधली को लेकर देश भर में धरना प्रदर्शन कर रही है. कोटा में भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया है, हमारी एक ही मांग है नीट परीक्षा रद्द की जाए और इसकी सीबीआई जांच कराई जाए.

नीट यूजी पेपर लीक पर छात्रों का प्रदर्शन नीट यूजी पेपर लीक पर छात्रों का प्रदर्शन
चेतन गुर्जर/अनमोल नाथ
  • कोटा/नई दिल्ली,
  • 16 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

NEET UG Paper Leak Case: देश भर में NEET UG 2024 परीक्षा में हुई धांधली का मामला लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. राजस्थान के कोटा में भी नीट यूजी परीक्षा में हुई धांधली के विरोध में आज छात्र संगठन NSUI के कार्यकर्ताओं ने कोटा जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. एनएसयूआई के राजस्थान प्रभारी अखिलेश यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कोटा जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, जहां प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई. इस बीच बैरिकेट्स लांघते समय धक्का मुक्की होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को लाठियां भांजकर दूर खदेड़ा.

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एनएसयूआई राजस्थान प्रभारी अखिलेश यादव का कहना है कि एनएसयूआई नीट परीक्षा में धांधली को लेकर देश भर में धरना प्रदर्शन कर रही है. कोटा में भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया है, हमारी एक ही मांग है नीट परीक्षा रद्द की जाए और इसकी सीबीआई जांच कराई जाए. पूरे देश भर में नीट परीक्षा को लेकर बवाल हो रहा है और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहते हैं कि पेपर लीक नहीं हुआ है. साधारण और मध्यम परिवारों के लोगों के साथ यह बहुत बड़ा कुठाराघात है. 

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि राजस्थान गुजरात और बिहार सहित कई राज्यों में पेपर लीक माफिया सक्रिय है. बच्चे सालभर मेहनत करते हैं और जब इस तरह से पेपर लीक की घटनाएं होती हैं तो उनके सपने टूट जाते हैं. 

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दिल्ली में NSUI का मशाल मार्च

एनटीए के खिलाफ मशाल मार्च निकालने और नीट यूजी की दोबारा परीक्षा और सीबीआई जांच की मांग को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों छात्र और कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजधानी में अपने कार्यालयों के बाहर इकट्ठा हुए. एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए मेन गेट पर भारी पुलिस बल और बैरिकेडिंग लगाई गई थी. मशाल थामे हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने एनटीए, शिक्षा मंत्रालय और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

आजतक से बात करते हुए वरुण चौधरी ने कहा कि यह 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है. गुजरात के गोधरा में कई तरह की अनियमितताएं पाई गईं और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. यह सब पीएम मोदी के गुजरात में हुआ. इससे पहले पटना में गिरफ्तारियां हुई थीं. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान छात्रों को गुमराह करने के लिए बयान दे रहे हैं. जब हम धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर बैठे तो हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई, लेकिन इससे हम नहीं रुकेंगे.

NEET 2024 विवाद पर छात्रों की राष्ट्रीय हड़ताल
वहीं दिल्ली में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने नीट 2024 के दौरान राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा कथित भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के विरोध में 19 और 20 जून को छात्रों की राष्ट्रीय हड़ताल की घोषणा की है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्र नेताओं और प्रभावित नीट आवेदकों ने अपनी शिकायतें व्यक्त कीं.

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AISA दिल्ली राज्य सचिव नेहा ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की इस मुद्दे पर चुप्पी की आलोचना करते हुए छात्रों और माता-पिता की दुर्दशा बताई, जो राहत की तलाश में हैं. JNUSU अध्यक्ष धनंजय ने NTA की निंदा करते हुए नीट 2024 की अनियमितताओं को एक गहरे प्रणालीगत समस्या का लक्षण बताया. AISA महासचिव प्रसनजीत कुमार ने नीट 2024 के  री-एग्जाम, कथित भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच और NTA के विघटन की मांग की है.

पीड़ितों और उनके परिवारों ने व्यक्तिगत गवाही साझा की, जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की. रॉबिन (जिनके भाई नीट के उम्मीदवार हैं) ने वर्तमान जांच की निष्पक्षता की आलोचना की है, जबकि मनस (जो घोटाले का शिकार हैं) ने परिणामों की समय से पहले घोषणा और रिपोर्ट किए गए पेपर लीक पर की गई कार्रवाई की कमी पर निराशा व्यक्त की.

बता दें कि नीट परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और परिणाम लोकसभा चुनाव नतीजे 2024 के दिन यानी 4 जून को घोषित कर दिया गया था. हालांकि इसकी निर्धारित तिथि पहले 14 जून थी, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 10 दिन पहले ही नीट रिजल्ट जारी कर दिया. जिसमें पहली बार 67 स्टूडेंट को 720 में से 720 फुल मार्क्स आने पर कई सवाल खड़े हुए. मामले ने तुल पकड़ा तो एनटीए ने सफाई दी की 1563 छात्र ऐसे हैं जिन्हें लॉस ऑफ टाइम की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. फिलहाल एनटीए ने ग्रेस मार्क्स रद्द करके 1563 छात्रों का री-नीट एग्जाम कराने का फैसला किया है. पेपर लीक और धांधली का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिसपर 8 जुलाई को सुनवाई होनी है. 

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