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'NEET पेपर लीक केवल पटना-हजारीबाग तक सीमित, ये सिस्टमैटिक फेलियर नहीं,' सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG मामलों में अपना फैसला सुनाया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित है. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है. हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है.

Supreme Court on NEET UG Paper Leak Supreme Court on NEET UG Paper Leak
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं हैं. पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है. हमने ढांचागत खामियों की ओर ध्यान दिया है. कोर्ट ने कहा कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है.

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अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है. हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए. इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं.

परीक्षा संचालन में सुधार करेगा NTA

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करे. प्रश्न पत्रों के संचालन, आदि की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए. पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए. इसके अलावा प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके. इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके. 

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ईओयू और सीबीआई ने गिरफ्तार किए कई आरोपी

NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई और ईओयू ने जांच की थी. इस जांच के दौरान कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और रिपोर्ट में सामने आया कि झारखंड के हजारीबाग और पटना से पेपर लीक हुआ है. EOU से रिपोर्ट पर सीबीआई ने सीक्वेसिंग शुरू की थी. सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था. इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद, आयुष राज, नीतीश कुमार, रॉकी, अखिलेश और बिट्टू के नाम शामिल है. सीबीआई ने सबसे पहले पटना में तीन ठिकानों पर दबिश दी. जांच एजेंसी सिकंदर यादवेंदु के फ्लैट पर पहुंची. उसके बाद लर्न एंड प्ले स्कूल और उसके बॉयज हॉस्टल में भी छापा मारा. NH गेस्ट हाउस में भी तलाशी ली गई. ये वो स्थान हैं, जिनका संबंध नीट पेपर लीक कांड के आरोपियों से है. पटना में खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में संजीव मुखिया में स्टूडेंट्स को ठहराया था. आरोप है कि यहीं 35 छात्रों को बैठाकर प्रश्न पत्र के उत्तर रटवाए गए थे.

इसके बाद सीबीआई ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में जिन आरोपियों के नाम है उनमें नीतीश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यादवेंदु, आशुतोष कुमार, रोशन कुमार, मनीष प्रकाश, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार और आयुष राज शामिल हैं.

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री-एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि NEET UG 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनकर साफ होता है कि परीक्षा की शुचिता (Sanctity) भंग ‘नहीं’ हुई है इसलिए दोबारा परीक्षा कराए जाने की जरूरत नहीं है. ‘पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों' के आधार पर दोबारा परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी गई.

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