Advertisement

याचिकाकर्ता ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पर उठाए सवाल, CJI ने पूछा- 'प्रश्नपत्र कब लीक हुआ'

सुप्रीम कोर्ट चल रही नीट सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कहा कि नीट पेपर को बैंक के बजाए सीधे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में ले जाया गया. पेपर को स्कूल के प्रिंसिपल ने रिसीव किया था. सीजेआई ने पूछा कि प्रश्नपत्र बैंकों की तिजोरियों से कब निकलने चाहिए थे. इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने कहा कि 5 मई को. इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होनी है.

Supreme Court on NEET Supreme Court on NEET
कनु सारदा/सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में एनटीए पेपर लीक मामले को लेकर आज की सुनवाई खत्म हो गई है. इस सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने सीबीआई रिपोर्ट और एनटीए के हलफनामे पर बात की है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि 3 मई को ट्रंक खुले आसमान के नीचे ई-रिक्शा से हजारीबाग के स्कूल ले जाया गया था. एनटीए ने कहा है कि ट्रंक हजारीबाग स्थित एसबीआई बैंक में पहुंचाकर उसे सुरक्षित तिजोरी में रख दिया गया था. याचिकाकर्ता की इस बात पर सीजेआई ने कहा कि 'आप कह रहे हैं कि लीक व्यापक और सिस्टेमैटिक है. आप अपना पक्ष कैसे रखते हैं?

Advertisement

बैंक की जगह सीधे हजारीबाग स्कूल पहुंचा नीट का पेपर

याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि एनटीए द्वारा परीक्षा आयोजित करने में सिस्टेमैटिक विफलता है. इसमें एक नहीं कई कमियां हैं. पहली तो यह कि प्रश्नपत्र के ट्रांसपोर्टेशन में समझौता हुआ है, जब 6 दिनों तक प्रश्नपत्र एक निजी कुरियर कंपनी के पास रहा था. रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य दर्शाते हैं कि परीक्षा से दो दिन पहले हजारीबाग से ई-रिक्शा से प्रश्नपत्र ले जाया गया था. सीधे बैंक ले जाने के बजाय, ई-रिक्शा से ओएसिस स्कूल ले जाया गया.

याचिकाकर्ता ने स्कूल के प्रिंसिपल को बताया दोषी

याचिकाकर्ता ने कहा कि पेपर को एसबीआई के बजाय स्कूल प्रिंसिपल से प्राप्त किया गया. इस प्रिंसिपल को साजिश का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार किया गया है. वह एनटीए का हिस्सा था और सिटी को-ऑर्डिनेटर था. इसके अलावा टेलीग्राम आदि पर चैट के साक्ष्य से पता चलता है कि लीक हुआ पेपर 4 मई को प्रसारित किया गया था. याचिकाकर्ता ने कहा कि यह एक चैनल है टेलिग्राम जिससे प्रश्नपत्र प्रसारित किया गया. इसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग भी है. 

Advertisement

सीजेआई ने कहा- सवाल यह है कि प्रश्नपत्र कब लीक हुआ

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपके अनुसार प्रश्नपत्र लीक होने की स्थिति 4 तारीख को थी? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दरअसल 3 तारीख से, वे खुद कहते हैं कि प्रश्नपत्र 3 मई को बैंकों को भेजे गए थे. 5 तारीख को उन्हें बाहर निकाल लिया गया. कोर्ट ने पूछा कि उनके अनुसार ऐसा तब हुआ? याचिकाकर्ता ने कहा कि नहीं, वे इनकार मोड में हैं. सीजेआई ने पूछा कि उनके अनुसार लीक 5 तारीख को हुआ, वे कहते हैं कि छात्रों को 5 तारीख की सुबह याद कराया गया था. इसलिए 5 तारीख की सुबह से पहले किसी ने प्रश्नपत्र हल कर लिए थे. अगर ऐसा हुआ है तो इसका मतलब है कि प्रश्नपत्र कम से कम 4 तारीख को गया था. तो सवाल यह है कि प्रश्नपत्र कब लीक हुआ.

याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर उन्हें यकीन है कि जब प्रश्नपत्र बैंक की हिरासत में थे, तब लीक नहीं हुआ, तो यह 3 मई से पहले हुआ होगा! कोर्ट- सामान्य तौर पर, प्रश्नपत्र बैंकों की तिजोरियों से कब निकलने चाहिए? याचिकाकर्ता ने बताया कि 5 तारीख की सुबह. 

ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से क्यों हो रही पूछताछ?

दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने बेंच को यह समझाने की कोशिश की कि NEET UG पेपर लीक की साजिश एक महीने पहले रची गई थी. अब कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement