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NEP के तहत नहीं स्वीकार होगी हिंदी भाषा... CM स्टालिन ने धर्मेंद्र प्रधान पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह हक है कि वह केंद्र से अपना हिस्सा प्राप्त करे, और यदि केंद्रीय मंत्री ऐसा बोलते हैं जैसे राज्य ने उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का दावा किया हो, तो दिल्ली को तमिल लोगों का स्वभाव देखना पड़ेगा. इसके अलावा, स्टालिन ने धर्मेंद्र प्रधान से यह स्पष्ट करने को कहा कि कौन सा संविधानिक प्रावधान तीन भाषाओं की नीति को अनिवार्य बनाता है, जिसमें अंग्रेजी, संबंधित क्षेत्रीय भाषा और हिंदी शामिल हैं.

Tamilnadu CM Mk. Stalin Tamilnadu CM Mk. Stalin
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान पर "ब्लैकमेल" करने का आरोप लगाया, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कथित तौर पर यह रुख अपनाया है कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा.

दरअसल, 15 फरवरी को वाराणसी में प्रधान द्वारा संवाददाताओं से की गई बातचीत का एक वीडियो क्लिप स्टालिन ने 'X' पर पोस्ट किया. इस वीडियो में प्रधान ने कहा था कि तमिलनाडु को भारतीय संविधान के अनुसार चलना होगा और तीन भाषाओं की नीति कानून का हिस्सा है. शिक्षा मंत्री ने के इस कथित बयान पर आरोप लगाते हुए कि जब तक तमिलनाडु तीन भाषाओं की नीति को स्वीकार नहीं करता, तब तक राज्य को केंद्र से शिक्षा संबंधित फंड नहीं मिलेगा. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इसे अस्वीकार्य बताया और कहा कि तमिल लोग इसे सहन नहीं करेंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह हक है कि वह केंद्र से अपना हिस्सा प्राप्त कर, और यदि केंद्रीय मंत्री ऐसा बोलते हैं जैसे राज्य ने उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का दावा किया हो, तो दिल्ली को तमिल लोगों का स्वभाव देखना पड़ेगा. इसके अलावा, स्टालिन ने धर्मेंद्र प्रधान से यह स्पष्ट करने को कहा कि कौन सा संविधानिक प्रावधान तीन भाषाओं की नीति को अनिवार्य बनाता है, जिसमें अंग्रेजी, संबंधित क्षेत्रीय भाषा और हिंदी शामिल हैं.

उप मुख्यमंत्री ने भी किया विरोध

उन्होंने कहा कि राज्य भारतीय संघ का हिस्सा हैं और शिक्षा संविधान की सूची में है, इसलिए केंद्र सरकार इसे अपनी विशेष कार्यक्षेत्र नहीं बना सकती. उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन और रूलिंग DMK के सहयोगी दलों, जिनमें कांग्रेस, वामपंथी दल और VCK शामिल हैं, वे भी धर्मेंद्र प्रधान से सहमत नहीं थे. मुख्य विपक्षी पार्टी AIADMK ने कहा कि वह दो भाषाओं की नीति के प्रति प्रतिबद्ध है और यह चाहे पार्टी सत्ता में हो या नहीं, कभी इस नीति से नहीं हटेगी.

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AIADMK के महासचिव और विपक्षी नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने वेल्लोर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में कहा कि केंद्र का यह दबाव कि NEP और तीन भाषाओं की नीति को लागू किए बिना तमिलनाडु को शिक्षा फंड नहीं मिलेगा, यह गलत है. पलानीस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु केवल दो भाषाओं की नीति का पालन करेगा, जिसमें तमिल और अंग्रेजी शामिल हैं. AIADMK इस नीति के प्रति प्रतिबद्ध है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. स्कूल शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोयमोजी ने कहा कि उन्होंने उदयनिधि से मुलाकात की और अगले कदम पर चर्चा की, क्योंकि केंद्र तमिलनाडु को समग्र शिक्षा योजना (Samagra Shiksha) के तहत फंड जारी करने में धोखा दे रहा है. अनबिल ने केंद्र पर हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

न्यूज ऐजंसी पीटीआई के अनुसार, स्टालिन की प्रतिक्रिया में तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पूछा कि जब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बच्चों या पोतों को निजी स्कूलों में तीन भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, तो राज्य सरकार के स्कूलों में बच्चों को तमिल, अंग्रेजी और एक अन्य भारतीय भाषा क्यों नहीं पढ़ाई जानी चाहिए. अन्नामलाई ने दावा किया कि राज्य में DMK से जुड़े अधिकांश निजी स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की तीन भाषाओं की नीति लागू की जाती है.

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सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मुख्यमंत्री का मानना है कि केवल निजी स्कूलों के छात्र ही कई भाषाएं सीख सकते हैं. उन्होंने यह सवाल किया कि राज्य सरकार के स्कूलों के छात्रों के साथ "पक्षपाती" व्यवहार क्यों किया जाए. "क्या यह उचित है कि तमिलनाडु के बच्चों पर, आपकी (DMK की) 1960 के दशक की नीति लागू की जाए, जिसका आज कोई रेलिवेंस नहीं है?" 

PMK प्रमुख अंबुमानी रामदोस ने कहा कि प्रधान का NEP पर जोर देना संघीयता के खिलाफ है और यह अस्वीकार्य है. उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह तमिलनाडु को फंड जारी करने को NEP से न जोड़े. अंबुमानी ने कहा कि "क्योंकि केंद्र सरकार ने फंड जारी नहीं किया है, कई योजनाओं, जिनमें सरकारी स्कूलों में बालिकाओं की सुरक्षा से संबंधित योजनाएं शामिल हैं, को लागू नहीं किया जा सका है," PMK, जो BJP का सहयोगी दल है, ने 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA के घटक के रूप में भाग लिया. 

शिक्षा मंत्री ने विवादों पर दिया बयान

तमिलनाडु में NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत 3-भाषा नीति को लेकर विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए, और एक समान मंच  बनाने के लिए हमें एक सामान्य प्लेटफ़ॉर्म पर आना होगा. NEP एक नया आकांक्षात्मक सामान्य प्लेटफ़ॉर्म है.

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मैं सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं. यह NEP मातृभाषा पर जोर देती है. तमिल हमारी सभ्यता की एक प्राचीन भाषा है. तमिल, अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाएं हो सकती हैं. उन पर हिंदी या किसी अन्य भाषा को थोपने का कोई सवाल नहीं है. तमिलनाडु में कुछ दोस्त राजनीति कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार NEP को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और NEP के साथ कुछ शर्तें जुड़ी हैं.'

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