
देशभर में कोरोना का संकट गहराया हुआ है. हर तरफ बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी मची है. लोगों के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन को लेकर चल रही उहापोह को विराम देते हुए एम्स के डायरेक्टर गुलेरिया ने इस इंजेक्शन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं.
उन्होंने कहा कि 85 पर्सेंट कोरोना मरीज बिना रेमडेसिविर, स्टेरॉयडस या दूसरी ड्रग के ठीक हो रहे हैं. इस दौरान कॉमन कोल्ड की दवाएं पैरासीटामॉल और विटामिन खाकर लोग नेगेटिव हो रहे हैं. इसके अलावा एक्सरसाइज और आइसोलेशन बहुत जरूरी है.
केवल 15 पर्सेंट ऐसे मरीज हैं जो पहले से मॉडरेट डिजीज का शिकार हैं और जिनमें ऑक्सीजन दर गिर जाती है, जिन्हें बहुत फीवर है, और इन्फलैमेशन है. उन्हें रेमडेसिविर, स्टेरॉयड या कई बार प्लाज्मा देकर ठीक किया जाता है. लेकिन ऐसा बहुत कम प्रतिशत में है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के लक्षण आने पर एकदम पैनिक न करें, सिर्फ सिंपल कोल्ड की तरह इसे ट्रीट करें. अभी तक ऐसा कोई डेटा नहीं है कि रेमडेसिविर का माइल्ड सिंप्टम में किसी तरह का फायदा है. यह कोई बुलेट नहीं है कि देते ही कोरोना छूमंतर हो जाएगा. डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए नुकसान ही बताए गए हैं.
डॉ गुलेरिया ने साफ शब्दों में कहा कि रेमडेसिविर कोई मैजिक बुलेट नहीं है. न ये ऐसी दवा है जिससे मौत में कमी आती है. एक बेहतर एंटीवायरल ड्रग के अभाव में हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी भूमिका काफी सीमित है और इसके इस्तेमाल में हमें काफी सावधानी भी बरतने की जरूरत है.
आपको बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. तीनों डॉक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक दूसरे से जुड़े. इस दौरान मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ त्रेहन ने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करना चाहिए. साथ ही बिना देर किए इलाज शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने पर फौरन अस्पताल की तरफ न भागें. मीडियम लक्षण दिखने पर क्वारंटीन सेंटर जा सकते हैं और यदि ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं.
डॉ त्रेहन ने आगे कहा कि अस्पतालों के ऐप से जानकारी ले सकते हैं. कम प्रतिशत में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. अस्पताल के बेड्स का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिएआ और यह जिम्मेदारी हम सभी की है.
वहीं, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी ने बताया कि अगर आपको कोरोना के सिम्प्टम्स नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं, आप अपने डॉक्टर से बात करें और जितनी जल्दी हो सके कोरोना टेस्ट कराएं. अगर हालत ज्यादा गंभीर नहीं है तो घर पर इलाज करें.