
दिल्ली सरकार ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता के चलते स्कूलों को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया है. हालांकि, 140 अभिभावकों के एक समूह ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर वायु प्रदूषण के कारण हाल ही में बंद किए गए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.
पत्र में, माता-पिता ने कहा कि कोविड -19 के कारण, स्कूल पहले से ही लंबे समय के लिए बंद थे और निर्माण व अन्य गतिविधियों की अनुमति है. मौसम से संबंधित परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, जिसके परिणामस्वरूप एक्यूआई में मामूली सुधार हुआ है, बच्चे और उनकी शिक्षा पर भी बराबर ध्यान दिया जाना चाहिए.
पत्र के मुताबिक भारत में दुनिया भर से सबसे ज्यादा समय तक स्कूल बंद रहे हैं. अब 20 महीनों के बंद होने के बाद दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिल्ली में एक नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को 50 प्रतिशत क्षमता पर फिर से खोलने के लिए अधिकृत किया. हमारे बच्चों की शिक्षा प्रदूषण प्रतिक्रिया का पहला शिकार थी, और 13 नवंबर को एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद करने की घोषणा की गई थी.
इसे अब अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. प्रदूषण संकट की भयावहता और इससे हमारे बच्चों के स्वास्थ्य को होने वाले जोखिम को स्वीकार करते हुए, हम दिल्ली सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और स्कूलों को फिर से खोलने का दृढ़ता से आग्रह करते हैं. स्कूली बच्चों में से अधिकांश के पास वायु प्रदूषण से बचाव के तरीकों जैसे एयर प्यूरीफायर तक पहुंच नहीं है. प्राइमरी स्कूल अब करीब 21 महीने से बंद हैं.
अभिभावकों ने प्राइमरी स्कूलों के लंबे समय तक बंद रहने से हमारे छोटे बच्चों की पढ़ाई पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. अत: यह अनिवार्य है कि हमें प्राथमिक विद्यालयों को खोलने को प्राथमिकता देनी चाहिए. इन वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए, हम आग्रह करते हैं कि स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाए. पांच प्रतिशत क्षमता वाला हाइब्रिड मॉडल माता-पिता की पसंद सुनिश्चित करेगा और वाहनों से होने वाले प्रदूषण की सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता को दूर करेगा.