
Pariksha Pe Charcha 2021 Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के जरिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद कर रहे हैं. कोरोना के खौफ के बीच बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों से पीएम मोदी बात करके उनके सवालों के जवाब दे रहे हैं.
आंध्र प्रदेश की छात्रा पल्लवी ने पीएम मोदी से पूछा कि पूरे साल पढ़ाई करने के बाद भी परीक्षा के समय काफी तनावपूर्ण स्थिति रहती है. ऐसे में कुछ उपाय बताइए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रा का जवाब देते हुए कहा कि आपको एग्जाम का डर नहीं होना चाहिए. बोर्ड की परीक्षा के पहले भी आपने परीक्षाएं दी हैं. इसलिए आपको परीक्षा का डर नहीं है बल्कि आपके सामने ऐसा माहौल बना दिया जाता है कि यही परीक्षा सबकुछ है. जबकि परीक्षा कोई आखिरी पड़ाव नहीं हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एग्जाम के लिए एक कसौटी शब्द है. जिसका मतलब खुद को कसना और तैयार करना है. एग्जाम एक तरह से जिंदगी जीने के लिए एक उत्तम अवसर की तरह है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पढ़ाई का मंत्र देते हुए कहा कि कठिन चीज को पहले करना चाहिए. कठिन को हल करने के बाद सरल चीजे करना आसान हो जाएगा. पीएम मोदी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं खुद सुबह उठते ही कठिन चीजों से मुकाबला करने निकलता हूं.
पीएम मोदी ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई को लेकर बच्चों पर कभी दबाव नहीं बनाना चाहिए. अगर बाहर का दबाव खत्म हो गया तो परीक्षा का दबाव कभी महसूस नहीं होगा. बच्चों को घर में तनाव मुक्त रहने चाहिए. इससे आत्मविश्वास बढ़ता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग जीवन में बहुत सफल होते हैं, वो हर एक विषय में पारंगत नहीं होते लेकिन किसी एक विषय पर उनकी पकड़ अच्छी होती है. जैसे लता मंगेशकर की महारत संगीत में है, हो सकता है अन्य विषय में उन्हें अधिक जानकारी न हो.
पीएम मोदी ने शिक्षकों को सलाह देते हुए कहा कि विद्यार्थियों से सिलेबस से बाहर की चीजों पर भी गाइड और प्रोत्साहित करें. कुछ बातें क्लास में सार्वजनिक तौर पर जरूर करें जिससे छात्रों का हौसला बढ़े. गलती होने पर डांटने की बजाय प्यार से समझाएं और सुधार करने की सलाह दें.
पीएम मोदी ने कहा छात्रों से कहा कि खाली समय को खाली मत समझिए ये आपके लिए खजाना है. खाली समय एक सौभाग्य है. यदि खाली समय ना मिले तो जिंदगी रोबोट जैसी हो जाती है. पीएम मोदी ने कहा कि यदि झूला झूलने का मन करे तो झूला झूलिए. मुझे खाली समय में झूला झूलना पसंद है. मैं झूले पर बैठना पसंद करना हूं, इससे मुझे खुशी मिलती है.
पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों को सिखाने, बताने और संस्कार देने की जिम्मेदारी परिवार में सबकी होती है. लेकिन कुछ लोग अपने हिसाब से बच्चों को ढालने की कोशिश करते हैं यानी अपने लक्ष्यों के आधार पर बच्चों पर दवाब बनाते हैं. जो बच्चे उसे पूरा नहीं कर पाते तो कहते हैं कि मोटिवेशन की कमी है. जबकि ऐसा करना ठीक नहीं हैं. इसके लिए प्रोपर ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बच्चों में कोई अच्छी आदत डालने के लिए उन्हें उसके फायदे बताने की जरूरत है. न कि उन पर दबाव बनाने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपने को लेकर बैठे रहना ठीक नहीं है. सपनों को लेकर आगे बढ़ना और अपने सपनों को पाने का संकल्प लेना महत्वपूर्ण है.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बात ये भी हुई है कि हमने अपने परिवार में एक दूसरे को ज्यादा नजदीक से समझा है. कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर किया लेकिन परिवारों में इमोशनल बोंडिंग को भी मजबूत किया है.
बता दें कि पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर जानकारी देते हु्ए कहा था कि नए अवतार में, हमारे बहादुर परीक्षा देने वाले छात्र, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी साल 2018 से बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों से चर्चा करते रहे हैं.
'परीक्षा पे चर्चा' के जरिए पीएम मोदी कोरोना काल में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों का डर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे आगामी बोर्ड परीक्षाएं और प्रवेश परीक्षाएं आराम से चिंतामुक्त रहकर दे सकें.
बता दें कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण ऑफलाइन क्लासेज़ नहीं हो पाई हैं. छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से ही एग्जाम की तैयारी करनी पड़ी है. ऐसे में परीक्षा को लेकर पीएम मोदी छात्रों को मानसिक रूप से तैयार करने के साथ बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्रों को तनाव से बचने का मंत्र दे रहे हैं.
परीक्षा पे चर्चा 2021 (#PPC2021) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को 14 मार्च तक पूरा किया गया था. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी साल 2018 से परीक्षा से पहले छात्रों से बातचीत कर रहे हैं. पहली बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुआ था.