
देशभर में जिस तरह कोरोना के हालात हैं, उसे देखते हुए माता-पिता, छात्र और शिक्षक लगातार एग्जाम कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं. वहीं केरल के गणित शिक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के जरिये इस परीक्षा को कैंसिल नहीं करने की मांग की है. याचिका में कहा है कि उच्च संस्थानों में प्रवेश कक्षा 12 के परिणामों पर निर्भर करता है. परीक्षा रद्द करने से छात्रों के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
केरल में मैथ्स शिक्षक टोनी जोसेफ ने अपनी याचिका में कहा कि परीक्षा रद्द करना छात्रों के भविष्य के करियर के दृष्टिकोण से एक अनुचित निर्णय होगा.वहीं पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में आई एक याचिका में सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) द्वारा आयोजित कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को दायर करने वाली वकील ममता शर्मा का कहना है कि बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन की जगह स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित करने के लिए कोई ऑब्जेक्टिव पद्धति अपनाएं. बॉम्बे हाईकोर्ट में भी कोरोना से बिगड़ते हालात के चलते 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की जनहित याचिका दाखिल की गई थी.
इस पर कोर्ट ने एसएससी, आईसीएसई और सीबीएसई बोर्डों से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति शाहरुख कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुणे के एक सेवानिवृत्त शिक्षक धनंजय कुलकर्णी की एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा रद्द करने से ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश में समस्या हो सकती है क्योंकि विभिन्न बोर्ड विभिन्न सूत्रों के आधार पर रिजल्ट घोषित करेंगे.
छात्रों और अभिभावकों की बढ़ती मांग के बावजूद, सीबीएसई ने अभी तक परीक्षा रद्द करने के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. सीबीएसई ने परीक्षा रद्द करने के संबंध में अभी तक कोई घोषणा नहीं की है. इसी बीच छात्रों ने पीएम मोदी से परीक्षा रद्द करने की अपील की है. केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए, छात्र #modiji_cancel12thboards और #CancelBoardExams2021 का उपयोग करके सोशल मीडिया पर ट्वीट और अपनी राय पोस्ट कर रहे हैं.