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प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को लेकर बड़ा फैसला, 50% सीटों पर पड़ेगी सरकारी कॉलेजों वाली फीस

Private Medical Fees: अगर आपको किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता है, तब भी आप उतनी ही फीस में किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं.

Medical Education in India: Medical Education in India:
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 07 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

Medical Education in India: भारत में मेडिकल की पढ़ाई बहुत महंगी है. शायद यही वजह है कि हर साल लाखों छात्र और छात्राएं मेडिकल की डिग्री हासिल करने विदेश जाते हैं. डॉक्टर बनाने की ख्वाहिश रखने वाला हर शख्स चाहता है कि उनका एडमिशन सरकारी कॉलेज में हो जाए, क्योंकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के मुक़ाबले सरकारी कॉलेजों की फीस बहुत कम होती है. लेकिन अब एमबीबीएस या मेडिकल के अन्य कोर्सेस की पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थियों को ज्यादा पैसा नहीं देना होगा. इस बात की जानकारी पीएमओ ने ट्वीट कर दी है. 

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अगर आपको किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता है, तब भी आप उतनी ही फीस में किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. पीएमओ ने ट्वीट कर लिखा, "कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा. हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी." 

कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा।

हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2022

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इससे पहले इसको लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने प्राइवेट कॉलेजों को निर्देश दिए थे कि प्राइवेट कॉलेजों में कम से कम 50 फीसदी सीटों के लिए फीस सरकारी कॉलेजों के बराबर होनी चाहिए. NMC ने 03 फरवरी को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होनी चाहिए. 

कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, इस शुल्क संरचना का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटों का लाभ उठाया है, लेकिन संस्थान की कुल स्वीकृत संख्या के 50 प्रतिशत तक सीमित है. हालांकि, यदि सरकारी कोटे की सीटें कुल स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत से कम हैं, तो शेष उम्मीदवारों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर शुल्क का भुगतान करने का लाभ मिलेगा. यह लाभ विशुद्ध रूप से योग्यता के आधार पर मिलेगा.

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