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मेरठ के मुख्तार सिंह राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में एक साथ 78 छात्राओं के फेल और बैक आने पर छात्राओं ने हंगामा किया. छात्राओं ने एचओडी पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप भी लगाया. बताया जा रहा है कि मामले के तूल पकड़ने के बाद छात्राओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
यह कार्रवाई विभागीय मंत्री आशीष पटेल ने छात्राओं की शिकायत पर की है. साथ ही जिलाधिकारी को इस प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, जिलाधिकारी का कहना है कि उनके पास अभी तक कोई आदेश नहीं आया है. पॉलिटेक्निक की छात्राओं का आरोप है कि जब वे फेल होने के प्रकरण में एचओडी अरुण गौतम से मिलने गईं, तो उन्होंने अमर्यादित टिप्पणी की. छात्राओं ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच कराने के लिए प्राचार्य से भी गुहार लगाई है.
दरअसल, मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र में स्थित मुख्तार सिंह राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में पढ़ने वाली 78 छात्राओं की कई विषयों में बैक आई है, और कई छात्राएं फेल हो गई हैं. एक साथ इतनी छात्राओं के फेल होने और बैक आने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है. 104 में से 78 छात्राओं के फेल और बैक आने पर हंगामा खड़ा हो गया. छात्राएं लगातार इस मामले में अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रही हैं.
छात्राओं का आरोप है कि जब वे इस समस्या को लेकर एचओडी से मिलीं, तो एचओडी ने कहा, "सुंदर लड़कियां यहां रहें, बाकी कहीं और से बीए या बीएससी कर लें," जिसके बाद छात्राओं ने हंगामा किया. अब कॉलेज प्रशासन द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की पुनः जांच की बात कही गई है.
वहीं, इस मामले में पॉलिटेक्निक के आईटी विभाग के एचओडी पवन कुमार ने बताया कि उन्हें न्यूज़ पेपर से पता चला कि मंत्री ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है. समस्या मुख्यतः बच्चों के रिजल्ट को लेकर है, और इस बार सभी कॉलेजों का रिजल्ट कम रहा है. हालांकि, छात्राओं ने आरोप लगाया है कि एक एचओडी ने अभद्र व्यवहार किया है और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. इस संबंध में एक पत्र भी लिखा गया था, जिसके आधार पर विभागीय मंत्री द्वारा उन्हें सस्पेंड किया गया है.
पवन कुमार ने आगे कहा कि उनके पास इस घटना का कोई वीडियो नहीं है. समस्या रिजल्ट को लेकर है, और बैक के फॉर्म भरने का कार्य भी छात्राओं द्वारा किया जाना था. रिजल्ट में जो भी सुधार होगा, वह आ जाएगा.