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Pariksha Pe Charcha Live: पीएम मोदी करेंगे परीक्षा पे चर्चा, इस डायरेक्‍ट लिंक से लाइव देखें

PPC2021: बोर्ड एग्‍जाम के टेंशन से उबरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल वर्चुअली परीक्षा पे चर्चा कर रहे हैं. इस डायरेक्‍ट लिंक से सुनें प्रधानमंत्री का पूरा संबोधन.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Getty) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Getty)
aajtak.in
  • नई द‍िल्‍ली ,
  • 07 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार वर्चुअली परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिये छात्रों-पेरेंट्स और टीचर्स से रूबरू हो रहे हैं. यह कार्यक्रम आप वर्चुअली लाइव देख सकते हैं.

बता दें कि देश के शिक्षा मंत्री ने बताया था कि परीक्षा पे चर्चा के लिए 14 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स, शिक्षक और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. पीएम इस कार्यक्रम में बता रहे हैं क‍ि एग्‍जाम वरियर्स बिना प्रेशर के परीक्षा की तैयारी कैसे करें. इसके अलावा स्टूडेंट्स, पैरंट्स और टीचर्स के सवालों के जवाब भी दे रहे हैं. कोरोना के कारण इस बार परीक्षा पे चर्चा ऑनलाइन हो रही है. वीडियो कांफ्रेंस के जरिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत कर रहे हैं.

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इसे आप एलेक्‍सा के जरिये अमेजन प्राइम, यू ट्यूब के अलावा aajtak.in पर भी लाइव देख सकते हैं. 

बता दें क‍ि बीते साल 2020 में परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने कहा था कि छात्रों को परीक्षा से बिल्कुल नहीं डरना चाहिए. खासकर नाकाम होने का डर तो कतई अपने मन में नहीं पनपने देना चाहिए. पंजाब की छात्रा हरदीप द्वारा परीक्षा के तनाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि सिर्फ बोर्ड परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं. या कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है. ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए. उन्‍होंने पेरेंट्स से भी आग्रह किया था कि वो बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है.

इस डायरेक्‍ट लिंक पर क्‍ल‍िक करके सुनें प्रधानमंत्री का वर्चुअली प्रोग्राम परीक्षा पे चर्चा

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इससे पहले वो समय के सदुपयोग से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने फोन पर समय की बर्बादी का जिक्र करते हुये कहा था कि स्मार्ट फोन आपका जितना समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं. तकनीक हमें खींचकर अपने पास ले जाए, इससे हमें बचना चाहिए. हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा.

 

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