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'बिना पंजाबी 10वीं पास नहीं मानेंगे...', CBSE ड्राफ्ट के बाद पंजाब सरकार का स्कूलों को सख्त निर्देश

पंजाब सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में लिखा है, 'पंजाब में किसी भी बोर्ड से बिना पंजाबी मुख्य विषय के दसवीं पास नहीं समझा जाएगा. पंजाब में किसी भी बोर्ड से संबधित स्कूल में पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा, जो स्कूल इन आदेशों को नहीं मानता उनके खिलाफ पंजाब पंजाबी और अन्य भाषाएं सीखना अधिनियम, 2008 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
असीम बस्सी
  • चंडीगढ़,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

CBSE 10th Twice a year Board Exam Policy: सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा 2026 में क्षेत्रीय मुख्य भाषाओं में से पंजाबी (004 कोड) को हटाने जाने पर बहस तेज हो गई है. पहले पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस पर आपत्ति जताते हुए अपने सोशल मीडिय अकाउंट 'एक्स' पर एक वीडियो जारी किया था. अब सीबीएसई के इस कदम से नाराज पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है और राज्य के स्कूलों को जरूरी आदेश दिया है.

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दरअसल, सीबीएसई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 2025-26 के लिए 'टू टाइम 10वीं बोर्ड एग्जाम' स्कीम का ड्राफ्ट जारी किया है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 के लिए दो परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है. यह नया सिस्टम अगले साल लागू होने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि 2026 से कक्षा 10 के छात्र के पास दोनों में से किसी एक परीक्षा को चुनने या दोनों में बैठने का विकल्प होगा. इस प्रस्ताव पर कई शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं. वहीं पंजाब सरकार ने मुख्य भाषा से पंजाबी विषय को हटाए जाने पर नाराजगी जताई है. 

पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिस

सीबीएस 10वीं एग्जाम 2026 ड्राफ्ट स्कीम

जारी नोटिफिकेशन में लिखा है, 'पंजाब में किसी भी बोर्ड से बिना पंजाबी मुख्य विषय के दसवीं पास नहीं समझा जाएगा. पंजाब में किसी भी बोर्ड से संबधित स्कूल में पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा, जो स्कूल इन आदेशों को नहीं मानता उनके खिलाफ पंजाब पंजाबी और अन्य भाषाएं सीखना अधिनियम, 2008 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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बता दें कि पंजाब विधानसभा ने पंजाबी व अन्य भाषाएं शिक्षा (संशोधन) बिल, 2021 पास किया था. इस बिल के जरिए, राज्य के स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक पंजाबी को अनिवार्य विषय बनाने का प्रावधान किया गया. इसके अलावा, सरकारी दफ्तरों में भी पंजाबी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया. इस अधिनियम के तहत राज्य के स्कूलों में कक्षा 1 से 10 तक पंजाबी विषय अनिवार्य है, जबकि हिंदी कक्षा 3 से 8 तक अनिवार्य विषय है. अधिनियम का पालन न करने वाले स्कूलों से राज्य सरकार जुर्माना वसूल सकती है.

इससे पहले पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने 'एक्स' पर वीडियो के साथ पोस्ट में लिखा था, 'हम सीबीएसई की नई परीक्षा पैटर्न योजना पर कड़ी आपत्ति जताते हैं, जो पंजाबी को मिटाने का प्रयास करती है! पंजाबी को पंजाब में मुख्य भाषा के रूप में नामित किया जाना चाहिए और आगे देश के बाकी हिस्सों के लिए सीबीएसई में एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि यह कई राज्यों में बोली और पढ़ी जाती है. पंजाबी पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!' हालांकि इस मामले में सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. संयम भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया भी दे दी है.

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CBSE अधिकारी ने क्या कहा?
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आज पेश किए जाने वाले विषयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह सूची सांकेतिक है. अगले साल पंजाबी भाषा की परीक्षा होगी. आज पेश किए जाने वाले सभी विषय अगले साल दो बोर्ड परीक्षाओं में जारी रहेंगे."

बता दें कि सीबीएसई ने जारी ड्राफ्ट पर 9 मार्च तक लोगों से प्रतिक्रिया मांगी है. प्राप्त सुझावों के आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. अगर आप भी ड्राफ्ट पॉलिसी पर अपने विचार रखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.

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