
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में राजस्थान सरकार की बड़ी चोरी तक पकड़ी गई जब कागजों में चल रहे है. विश्वविद्यालय को क़ानूनी जामा पहनाने के लिए विधानसभा में गुरुकुल विश्वविद्यालय बिल पारित करने के लिए पेश कर दिया गया. भाजपा के उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ गुरुकुल विश्वविद्यालय के वीडियो और फोटोग्राफ लेकर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि पता लगा लिया जाए कि यह यूनिवर्सिटी केवल काग़ज़ों में चल रही है और जमीन पर कुछ है ही नहीं.
विधानसभा में पेश किए गए बिल में कहा गया था कि यूनिवर्सिटी का इन्फ़्रास्ट्रक्चर वहां पर बन चुका है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बिल पेश होने से पहले मैं खुद जाकर होली के समय देख कर आया हूं. वहां पर केवल खाली जमीन पड़ी हुई है. यह सुनते ही राजस्थान सरकार सकते में आ गई और आनन फ़ानन में राजस्थान गुरुकल विश्वविद्यालय बिल को वापस ले लिया.
अब इसे लेकर हर तरफ़ चर्चा हो रही है कि किस तरह से कागजों में चल रही यूनिवर्सिटी का बिल राजस्थान सरकार ने पेश कर दिया और बिना बहस से पारित भी करवाने जा रही थी. विधानसभा में राजस्थान की जनता से झूठ बोला जा रहा था कि यहां पर 80 एकड़ ज़मीन पर कैंपस के अलावा 38 ऑफ़िस 62 लेक्चरहॉल और 38 लैब तैयार हो चुके हैं.
राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षामंत्री राजेन्द्र यादव ने बिल पेश करते हुए कहा कि ये सारे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हैं. बताया जा रहा है कि उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवादित कुलपति अमरीक सिंह ने राजस्थान सरकार को यह रिपोर्ट दी थी कि यहां पर सब काम पूरा हो चुका है. विधानसभा अध्यक्ष CP जोशी को जैसे ही इस बारे में पता चला, उन्होंने साक्ष्य रिपोर्ट मंगवाई. फैक्चुअल रिपोर्ट में जब मौके पर कोई भी निर्माण नहीं पाया गया तो विधानसभा अध्यक्ष ने इस बिल को वापस लेने का आदेश दिया और राजस्थान सरकार ने इसे वापस ले लिया.