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राजस्थान में ग्रामीण विद्यालयों को दी जाएगी प्राथमिकता, शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में सुधार के लिए दिए ये आदेश

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर स्कूलों में सुधार करने के लिए कई कदम उठाते हैं, अब उनका मिशन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को पूरा लाभ और ऐसे स्कूलों को प्राथमिकता देना है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत उन्होंने पीएम विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसिस करने की बात कही है.

Rajasthan Education Minister Rajasthan Education Minister
चेतन गुर्जर
  • जयपुर,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों के सही संचालन के लिए कई कदम उठाते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने राजस्थान के सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाया है. अब वह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को प्रथमिकता देने में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में लागू होने वाले नवाचारों और नई तकनीक पर आधारित गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को लाभान्वित करने को प्राथमिकता दी जाए. नई तकनीक पर आधारित कार्यक्रमों का ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारी सजगता से प्रयास करें.

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स्कूलों के भुगतान की होगी मॉनिटरिंग- शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री दिलावर जयपुर में इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान परिसर में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के विद्यालयों में संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने बैठक में आरटीई के तहत स्कूलों को भुगतान व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने और अब तक के भुगतान के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं. इसके साथ ही नए सत्र में विद्यालयों के खुलते ही सभी विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस समय पर उपलब्ध कराने के लिए समस्त औपचारिक प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने को कहा है.

पीएम विद्यालयों को बनाया जाएगा आदर्श विद्यालय

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार, पीएम विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में चयनित सभी 402 विद्यालयों में चल रहे कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या विलम्ब नहीं हो. उन्होंने अन्य प्रदेशों में संचालित पीएम श्री विद्यालयों का अध्ययन करते हुए राज्य के पीएम श्री विद्यालयों को उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए ‘मॉडल‘ तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अप-डाउन नहीं करें, इसकी पुख्ता व्यवस्था और सख्त मॉनिटरिंग की जाए. रेजीडेंशियल स्कूल की श्रेणी में आने वाले सभी स्कूलों में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाए. वहीं शिक्षा मंत्री ने मॉडल स्कूलों में योग्य और समर्पित शिक्षकों के चयन पर विशेष जोर दिया है.

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स्कूल और क्लासरूम का किया जाए परीक्षण- शिक्षा मंत्री

मंत्री ने निर्देश दिए कि विद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई गई शिक्षक और स्टूडेंट डायरीज के नियमित उपयोग से शिक्षा में गुणवत्ता का समावेश हो. इसके लिए स्कूलों के निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारी मौके पर विशेष जांच करें और यह देखे कि डायरी का दैनिक रूप से संधारण हो रहा है या नहीं. इसके साथ ही डायरी में अंकित जानकारी के अनुसार, स्कूल और क्लास रूम में गतिविधियों के वास्तविक संचालन का भी परीक्षण किया जाए. उन्होंने विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैब, रोबोटिक्स लैब और अटल टिंकरिंग लैब की गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में आवश्यक कौशल विकास पर फोकस करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी कम्प्यूटर लैब के स्थान पर नई लैब स्थापित करने से पूर्व ई-वेस्ट का निस्तारण निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के साथ सामंजस्य करे.

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