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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मिड-डे मील योजना के तहत खाना पकाने की लागत को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर (DBT) के माध्यम से 11.8 करोड़ छात्रों को मदद देने को मंजूरी दे दी है. यह आर्थिक सहायता पात्र बच्चों को एक स्पेशल वेलफेयर स्कीम के तहत दी जा रही है. शिक्षामंत्री का कहना है कि इससे मिड-डे मील भोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी.
यह आर्थिक सहायता भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 05 किलोग्राम की दर से मिलने वाले मुफ्त खाद्यान्न वितरण से अतिरिक्त होगी. शिक्षामंत्री के अनुसार, यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में उनकी इम्यूनिटी की रक्षा करने में मदद करेगा.
केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को लगभग 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी. केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 9 तक में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे.