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IAS, IPS, IFoS की गाइडलाइन में संशोधन, लीव में भी सर्विस रूल मानना जरूरी

तीन अखिल भारतीय सेवाएं (AIS) हैं - भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS). अब, ऐसे अधिकारियों को एक संशोधित बॉन्ड के हिस्से के रूप में एक अंडरटेकिंग देनी होगा कि वे ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्‍ट) नियम, 1968 और स्‍टडी लीव के दौरान कंडक्‍ट पर दिशानिर्देशों का पालन करेंगे, जिसमें विफल होने पर उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा.

प्रतीकात्मक फोटो (getty) प्रतीकात्मक फोटो (getty)
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 13 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

केंद्र सरकार ने स्‍टडी लीव पर जाने वाले IAS, IPS और IFoS अधिकारियों के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है. अब इन अधिकारियों के लिए लीव पर रहते हुए भी सेवा नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. अपनी सेवाओं के निर्वहन में विफल होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह कदम अखिल भारतीय सेवा के कुछ अधिकारियों के स्‍टडी लीव के दौरान AIS (conduct) नियम, 1968 का पूरी तरह से पालन न करने के उदाहरणों को देखते हुए उठाया गया है.

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तीन अखिल भारतीय सेवाएं (AIS) हैं - भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS). अब, ऐसे अधिकारियों को एक संशोधित बॉन्ड के हिस्से के रूप में एक अंडरटेकिंग देनी होगा कि वे ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्‍ट) नियम, 1968 और स्‍टडी लीव के दौरान कंडक्‍ट पर दिशानिर्देशों का पालन करेंगे, जिसमें विफल होने पर उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा.

स्‍टडी लीव पर जाने से पहले दिए जाने वाले बॉन्‍ड को तदनुसार संशोधित किया गया है. सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी आदेश की जानकारी दी गई है. इस बॉन्‍ड में यह शपथ लेनी होगी, 'मुझे पूरी तरह से ज्ञात है कि अगर मैं अध्ययन अवकाश के दौरान निर्धारित आचरण नियमों या आचरण संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता हूं, तो मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.' 

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दिशानिर्देशों के अनुसार, 'सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुरूप परिपक्वता और संवेदनशीलता का स्तर प्रदर्शित करने की अपेक्षा की जाती है.' दिशानिर्देशों में कहा गया है, 'अधिकारी से अपेक्षा की जाती है कि वह स्‍टडी लीव के दौरान भी विदेशी नागरिकों के साथ अपनी बातचीत और सोशल मीडिया पर अपनी बातचीत में विवेक का प्रयोग करेगा.' कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार के किसी भी अधिकारी को स्‍टडी लीव पर भेजने से पहले राज्‍य सरकारें खुद को संतुष्ट कर लें कि आधिकारी स्‍टडी लीव प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करता है.'

 

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