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Viktor Yanukovych: कौन हैं विक्‍टर यानुकोविच, जानें क्‍या है इनका रूस कनेक्‍शन

Who is Viktor Yanukovych: विक्टर 2010 से फरवरी 2014 में अपने निष्कासन तक देश के राष्‍ट्रपति रहे, जिसके बाद वे निर्वासन में रहने के लिए रूस भाग गए. उन पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे थे जिसके बाद से गद्दी छोड़कर भाग गए थे. 2013 में रूस के साथ अपने बढ़ते संबंधों के चलते उन्‍हें विरोध झेलना पड़ा था.

Viktor Yanukovych Viktor Yanukovych
रविराज वर्मा
  • नई दिल्‍ली,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST
  • पहले भी रह चुके हैं देश के राष्‍ट्रपति
  • रूस के साथ हैं विक्‍टर के गहरे रिश्‍ते

Who is Viktor Yanukovych: पुतिन-जेलेंस्‍की की जंग में अब एक यूक्रेन के पूर्व राष्‍ट्रपति विक्टर यानुकोविच का नाम भी सुर्खियों में आ रहा है. यूक्रेनी खूफिया एजेंसी अनुसार, रूस भगोड़े पूर्व राष्‍ट्रपति को जेलेंस्‍की की गद्दी पर बैठाने का प्‍लान बना रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, रूस पूर्व राष्ट्रपति यानुकोविच को वापस लाने की अनौपचारिक घोषणा कर सकता है. आइये जानते हैं कौन है विक्‍टर यानुकोविच और क्‍यों रूस की हैं उनपर निगाहें.

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Yanukovych का जन्म डोनेट बेसिन में एक गरीब परिवार में हुआ था. अपनी किशोरावस्था में वे 2 बार जेल भी गए. 1969 से उन्होंने अपने होमटाउन येनाकीयेव में और उसके आसपास भारी उद्योग में काम किया. अपने 20 साल के करियर में वह मैकेनिक से एग्जिक्‍यूटिव तक बने. 1980 में उन्होंने डोनेट्स्क पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट (अब डोनेट्स्क स्‍टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की जिसके बाद वह कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए.

2002 में यूक्रेनी राष्ट्रपति 'लियोनिद कुचमा' ने यानुकोविच को प्रधानमंत्री नियुक्त किया. यानुकोविच अपनी नियुक्ति से पहले यूक्रेनी नहीं बोलते थे. 2004 के राष्ट्रपति चुनाव के करीब आते ही, यानुकोविच को कुचमा के स्पष्ट उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाने लगा. रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन की पेशकश की. चुनावी कैंपेन के दौरान, उनके विरोधी विक्‍टर यूशचेंकों पर जानलेवा हमला होने के बाद वे मुकाबले से बाहर हो गए और यानुकोविच को विजयी घोषित कर दिया गया. हालांकि, बड़े जन विरोध के बाद यूक्रेन की सर्वोच्‍च अदालत ने इन चुनावी नतीजे को बदल दिया और यानुकोविच हारे घोषित किए गए.

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2010 में यानुकोविच दोबारा प्रेसिडेंट का चुनाव लड़े और बेहद कम अंतर से जीत कर 25 फरवरी 2010 को राष्‍ट्रपति बने. राष्ट्रपति बनते ही यानुकोविच ने तुरंत अपना रूस के प्रति झुकाव साफ दिखाया. अप्रैल 2010 में उन्होंने रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के साथ एक समझौता किया और सेवस्तोपोल बंदरगाह के रूस के पट्टे का विस्तार 2042 तक कर दिया. 

विक्टर 2010 से फरवरी 2014 में अपने निष्कासन तक देश के राष्‍ट्रपति रहे, जिसके बाद वे निर्वासन में रहने के लिए रूस भाग गए. उन पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे थे जिसके बाद से गद्दी छोड़कर भाग गए थे. 2013 में रूस के साथ अपने बढ़ते संबंधों के चलते उन्‍हें विरोध झेलना पड़ा था. इसी दौरान विक्टर ने 2013 में यूरोपीय संघ के एसोसिएशन एग्रिमेंट को खारिज कर दिया जिसके कारण देश में कई जगह हिंसक प्रर्दशन भी हुए थे. विक्‍टर का झुकाव हमेशा से रूस की तरफ रहा है जिसके कारण यह दावा किया जा रहा है कि रूस उन्‍हें जेलेंस्‍की की गद्दी पर लौटाना चाह रहा है.

 

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