
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPSEB) के प्रमुख डॉ सुरेश कुमार सोनी ने घोषणा की है कि बोर्ड अगले शैक्षणिक वर्ष कक्षा 3 से संस्कृत भाषा और कक्षा 6 से वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करेगा. इस फैसले पर 'शिक्षा के भगवाकरण' का आरोप लगाते हुए इस पर विवाद शुरू हो गया है. डॉ. सोनी ने धर्मशाला में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैदिक गणित को कक्षा 6 से शुरू किया जाएगा और प्रत्येक सेशन में वैदिक शब्दों पर कम से कम तीन प्रश्न पूछे जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश बोर्ड कक्षा 3 में संस्कृत भाषा की पढ़ाई कराने वाला देश का पहला शिक्षा बोर्ड होगा. डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स (D.Ed) में संस्कृत और वैदिक गणित को शामिल करके शिक्षकों को तदनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा." बोर्ड प्रमुख ने कहा कि तीसरी और चौथी कक्षा की संस्कृत परीक्षाओं का पैटर्न बहुविकल्पीय होगा. इसके बाद पांचवीं कक्षा से यह डिस्क्रिप्टिव होगा.
उन्होंने कहा कि छठी कक्षा में केवल दो से तीन वैदिक गणित के अध्याय शुरू किए जाएंगे ताकि छात्रों पर अधिक बोझ न पड़े. संस्कृत भाषा के पाठ्यक्रमों को तीन चरणों में विभाजित किया जाएगा. बोर्ड के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने बीजेपी पर शिक्षा व्यवस्था का भगवाकरण करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा, "भाजपा शिक्षा का भगवाकरण और राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है. जयराम सरकार को पार्टी का एजेंडा थोपने के बजाय स्कूलों में सुविधाओं में सुधार करना चाहिए."