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पढ़ाई के बाद मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे एक अदद सरकारी नौकरी तलाशते हैं. अगर सरकारी नौकरी का चांस नहीं मिला तो बड़ी कंपनी में जॉब उनकी दूसरी च्वाइस होती है. इन नौकरियों के लिए उनकी दीवानगी का फायदा कई बार ठग आसानी से उठा लेते हैं. कभी वे अपने फलां विभाग में अपने तगड़े संपर्क बताएंगे और आपसे नौकरी दिलाने का ठेका ले लेंगे.
कभी किसी रिश्तेदार के जरिये जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करा देंगे. रेलवे, सेना से लेकर बैंक तक ही नहीं एअरलाइंस और बड़ी कंपनियों में नौकरी के लिए वो युवाओं को टारगेट करते हैं. इसके लिए बकायदा उनका एक फ्रॉड बिजनेस चल रहा है. कई फ्रॉड अपने कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे हैं तो कई बाकायदा नेटवर्क बढ़ाने के लिए दूसरे युवाओं का इस्तेमाल करते हैं.
कई तो नौकरी के लिए ट्रेनिंग और इंटरव्यू तक करा देते हैं. आपके पास जॉइनिंग लेटर भी जाएगा. आप समझ ही नहीं पाएंगे कि इनका एक ही मात्र उद्देश्य था, वो था जरूरतमंद व्यक्ति के परिवार से नौकरी के नाम पर पैसे ऐंठना. जब पैसे मिल जाते हैं तो सब बदल जाता है, आप ठगे जा चुके होते हैं. यहां हम ऐसे ही कुछ मामले आपके सामने रख रहे हैं, इन्हें पढ़ें और समझें कि कहीं आप भी तो जॉब के नाम पर ठगे नहीं जा रहे.
दे दिए जॉइनिंग लेटर
यह ताजातरीन मामला 25 जून 2023 का है. इसमें झारखंड के कोडरमा की जयनगर पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया. इसमें पीड़ितों को नौकरी का फर्जी जॉइनिंग लेटर मिल गया था. जब ठगे गए युवकों ने पैसा वापस मांगा तो ठग करने वाले लोग जान से मारने की धमकी देने लगे. इस ठगी की वारदात को 7 महीने पहले अंजाम दिया गया था, जिसको लेकर पीड़ित युवकों ने जयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई.
काफी मशक्कत के बाद तीन ठग पकड़े गए तो पता यह चला कि ये लोग फर्जी दस्तावेजों से युवकों को झांसे में लेते हैं. इनके पास से चौंकाने वाले दस्तावेज जैसे 129 युवकों के आवेदन, विभिन्न विभागों के 15 फर्जी जॉइनिंग लेटर, कई फर्जी स्टांप, 7 मोबाइल फोन, लैपटॉप, विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड और विभिन्न विभागों के आईडी कार्ड मिले.
रेलवे में ठेका है, नौकरी लगा देंगे!
यह घटना तीन साल पहले हरियाणा की है. यहां भी ऐसा मामला आया जिसमें सामने आया कि पीड़ित रमन पंचकूला से आईटीआई कर रहा था. आरोपी के साथ उसकी जान पहचान हुई. कोर्स पूरा होने के कुछ समय बाद आरोपी अपने दो दोस्तों के साथ उसके घर आया और बताया कि इन दोस्तों ने रेलवे में ठेका लिया हुआ है, जिससे उनकी जान पहचान है.
जान पहचान का फायदा उठा कर तुम्हारी नौकरी लगवा सकते हैं. इस तरह विश्वास में लेकर दोनों लड़कों के नाम से चार लाख रुपए जमा कराने को कहा. पीड़ित ने पंजाब नेशनल बैंक के खाते में 2.5 लाख रुपए जमा कराए और 1 लाख 20 हजार रुपए नकद दिए. पांच माह बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने रुपए मांगे तो जान से मारने की धमकी मिली. सोचिए, क्या पीड़ित अकेला होगा, जिससे ऐसे पैसे लिए गए होंगे?
पैसे ऐंठे, ट्रेनिंग भी दी?
उत्तर प्रदेश कौशांबी में यह मामला अप्रैल 2023 में सामने आया. यहां बाकायदा नौकरी के नाम पर पहले 25 से 30 हजार रुपये लिए जाते थे, साथ ही युवक युवतियों को ट्रेनिंग भी दी जाती थी. इलाके भरवारी कस्बे में बेरोजगार युवक, युवतियों को नौकरी देने के नाम पर ठगी का ये गिरोह सक्रिय था. इसकी शिकायत कोखराज पुलिस को मिली तो उसने छापेमारी की. पुलिस के पहुंचने की सूचना हुई तो कंपनी संचालित करने वाले कार्यालय छोड़कर फरार हो गए थे.
शिकायतकर्ता ने बताया था कि भरवारी में एक निजी कंपनी का संचालन किया जा रहा है. इस कंपनी के जरिये से गैर जनपद के बेरोजगार युवक, युवतियों को रोजगार दिलाने के नाम पर बुलाया जाता. उनसे 25 से 30 हजार रुपये वसूले जाते. इसके बाद उन्हें स्थानीय गेस्ट हाउस में छह माह का प्रशिक्षण दिया जाता. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन जालसाजों का शिकार गैर जनपद के पांच सौ से अधिक युवक, युवतियों हो चुके हैं. कंपनी के नाम पर जालसाजी का शिकार फिरोजाबाद का एक युवा भी हुआ. उससे सिक्योरिटी मनी जमा करने के बाद उसे तीन माह से एक गेस्ट हाउस में ट्रेनिंग दी जा रही थी. युवक को जालसाजी समझ में आई तो उसने मामले की शिकायत कोखराज पुलिस से की.
सरकार में अच्छी पकड़ है!
यह मामला साल 2022 में बदायूं में आया. यहां सहसवान कोतवाली का एक पीड़ित जो नौकरी की तैयारी कर रहा था. वो ग्राम विकास अधिकारी बनना चाहता था. उसकी मुलाकात पीलीभीत निवासी आरोपी से हुई. आरोपी ने उसे बताया कि सरकार में उसकी अच्छी पकड़ है. उसके लिए ये बाएं हाथ का खेल है, वो उसकी नौकरी लगवा देगा. उसने नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उससे साढ़े तीन लाख रुपये ऐंठ लिए. जब काफी वक्त निकल गया तो पीड़ित ने अपने रुपये वापस मांगे, लेकिन उसने रुपये नहीं लौटाये. आखिर में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई. इस तरह अपने परिचय बताकर ठगी करने वाले अलग अलग लोगों को शिकार बनाते हैं और लोग कैश देकर भी फंस जाते हैं.
विश्वास में लेने के लिए शपथ पत्र दिया!
अब आप देहरादून में इसी साल मार्च में आया ये मामला देखिए. यहां भी एक युवा को ये बताकर पैसा ऐंठा गया कि आरोपी की जान-पहचान का एक व्यक्ति मेरठ में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज में बतौर स्टोर कीपर कार्यरत है. उसकी पहचान रेलवे में है. वो छह लाख रुपये में पक्की नौकरी लगवा सकता है. विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने अपना आधार कार्ड, बैंक चेक की फोटो कापी वाट्सएप से भेजी और एक शपथ पत्र भी दिया. शुरुआत में 30 हजार रुपये मेडिकल प्रमाण पत्र आदि के नाम पर लिए. फिर पांच लाख 70 हजार रुपये नियुक्ति के बाद देने को कहा. इसके बाद डाक के जरिये फर्जी जॉब कॉल लेटर पूर्वी रेलवे हेड क्वार्टर कोलकाता के नाम से भेजा. सिलसिला यहीं नहीं रुका. पीड़ित के कोलकाता पहुंचने पर सत्य प्रकाश नाम के व्यक्ति का फोन आया और रेलवे हेडक्वार्टर जाने का रास्ता बताया.
हेडक्वार्टर पहुंचने पर एक व्यक्ति मिला जिसने कॉल लेटर लिया. फिर पासपोर्ट साइज फोटो के साथ एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराए. फिर वहां से वर्धमान रेलवे स्टेशन आने को कहा. वहां पहुंचा तो कहा गया कि अब देर हो गई है, कल आना. पीड़ित को दो दिन हो गए लेकिन नियुक्त नहीं मिली.
कुछ दिन बाद फिर फोन आया और कहा गया ईमेल के जरिये टीटी पद पर नियुक्ति का लेटर आएगा. फिर एक होटल में मुलाकात के बाद उससे कुल सात लाख 20 हजार रुपये ले लिए और घर भेज दिया. कई दिनों के बाद जब ई-मेल नहीं आया तो उसे शक हुआ और पैसे मांगे, लेकिन फिर टालमटोल शुरू कर दी. पीड़ित को पता चला कि वो इस तरह की ठगी कई लोगों के साथ कर चुका है तो पूरा शरीर सुन्न-सा हो गया.
ट्रेनें गिनने की ट्रेनिंग, 2.68 करोड़ रुपये की ठगी!
यह मामला फरवरी 2023 में देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आया जिसमें 28 लोगों से कुल 2.68 करोड़ रुपये की ठगी हुई. दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लियाजो कि 67 वर्ष और 43 वर्ष के थे. इन दोनों ही आरोपियों पर भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगा था. इन दोनों पर आरोप था कि तमिलनाडु के 28 व्यक्तियों से 2.68 करोड़ रुपये की ठगी की. मीडिया को अधिकारियों ने बताया था कि इन सभी पीड़ितों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फर्जी तरीके से ट्रेन की गिनती करने का प्रशिक्षण दिया गया. आरोपी को सरकारी क्वार्टर से गिरफ्तार किया गया.
एअर इंडिया के अफसर बनकर करते थे बात!
मामला मई 2023 का हरियाणा के बल्लभगढ़ का है. इसमें साइबर पुलिस ने एयरपोर्ट पर नौकरी लगवाने का वादा करके लोगों से ठगी करने वाली दो महिलाओं समेत नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया. ये लोग सोशल मीडिया के जरिये वैकेंसी निकालकर लोगों को जाल में फंसाते थे. फिर यही एयर इंडिया का अधिकारी बनकर बात करते थे. DCP ट्रैफिक व साइबर क्राइम के नोडल अधिकारी अमित यशवर्धन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि पूछताछ में मास्टरमाइंड ने बताया कि वह खुद दो बार नौकरी पाने के चक्कर में ठगी का शिकार हो चुका है. उसके बाद उसने जालसाजी शुरू की. इस गिरोह का मुखिया 12वीं पास है, जो नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली से ऑनलाइन ऑपरेट हो रहा था. इनका कॉल सेंटर गाजियाबाद में था. इनके कब्जे से एक लैपटॉप, नौ मोबाइल, आठ सिम कार्ड और 21 हजार रुपये बरामद हुए.
अनोखे ढंग से ढूंढ़ते थे क्लाइंट!
इसी साल मई में बिहार में ऐसे बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ. मुजफ्फरपुर पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया. नौकरी और ट्रेनिंग के नाम पर ये सिंडिकेट चल रहा था. ये लोग बिहार के अलग-अलग जिलों समेत दूसरे राज्यों के बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाते थे. फिरट्रेनिंग के नाम पर सभी बेरोजगार युवाओं से रुपए लिए जाते. जब नौकरी नहीं मिलती और बेरोजगार युवक अपना पैसा वापस मांगते तो इनसे मारपीट की जाती. मामले में पीड़ित के अनुसार उसके दोस्त ने नौकरी की जानकारी दी थी. यहां पैसा जमा करवाने के बाद बोला जाता कि कम से कम अपने साथ दो दोस्तों को कंपनी में काम करने के लिए जोड़ो. वो इसके लिए दबाव बनाते.
इंस्ट्राग्राम के एड से हुई शिकार, दे दिए पैसे
इस मामले में महिला के साथ 9 लाख रुपए की ठगी की गई. पिछले साल दिसंबर में महिला ने इंस्टाग्राम में private airlines में नौकरी का एड देखा. उस लिंक पर क्लिक करने पर airlinejoballindia नामक वेबसाइट खुला. इस वेबसाइट पर महिला ने अपनी सारी डिटेल भरी और फिर उसे राहुल नामक व्यक्ति का कॉल आया. सबसे पहले महिला से रजिस्ट्रेशन के नाम पर ₹750 वसूले गए. इसके बाद गेट पास, सिक्योरिटी और इंश्योरेंस के नाम पर उससे ₹8.6 lakh रुपए जमा करा लिए गए. बाद में महिला की शिकायत पर आरोपी पकड़े गए.
इस जॉब फ्रॉड से ऐसे बचें