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झारखंड: स्कूल बंद होने के बावजूद फीस देनी है या नहीं? अदालत करेगी फैसला

राज्य में स्कूल बंद होने के बावजूद अभ‍िभावकों को फीस भरनी है या नहीं, ये फैसला अब झारखंड हाई कोर्ट पे निर्भर करेगा. 23 अगस्त को राज्य सरकार समेत दूसरे पक्ष को जवाब के साथ तैयार रहने को कोर्ट ने कहा.

झारखंड हाईकोर्ट झारखंड हाईकोर्ट
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 15 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

कोरोना काल में स्कूलों की ओर से फीस वसूली का मामला झारखंड में भी तूल पकड़ रहा है. जब लॉकडाउन में बीते करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं और ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है, वहीं कई अभ‍िभावकों की लॉकडाउन के चलते  जॉब चली गई है, कई लोगों की सैलरी भी कम हुई है. ऐसे में देशभर के कई राज्यों में स्कूलों की फीस मामले को लेकर अभ‍िभावक कोर्ट की शरण ले रहे हैं. 

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इसी क्रम में झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में राज्य के निजी स्कूलों के फीस वसूली मामले में झारखंड सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. स्कूलों के अधिवक्ता अभय मिश्रा ने बताया कि न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. 

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि झारखंड सरकार ने जिस दिल्ली सरकार की तर्ज पर स्कूल में फीस न लेने का आदेश दिया है. उस दिल्ली सरकार के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने उस आदेश को गलत करार देते हुए रद्द कर दिया है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की, सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. 

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अदालत ने प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इस बीच राज्य सरकार को अपना पक्ष अदालत में पेश करने को कहा है. अब अदालत अगली सुनवाई में ही इस पर कोई फैसला सुना सकती है.

 

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