पूरे देश में 9वीं से 12वीं तक स्कूल खोलने की तैयारी हो रही है. इस बीच गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में स्कूल खोलने को लेकर अलग अलग राय है. गुजरात सरकार ने कोरोना मामलों को देखते हुए 21 सितंबर से स्कूल खोलने से इंकार कर दिया है, वहीं दिल्ली सरकार ने अभिभावकों से उनकी राय मांगी है.
अभी नये नियम के अनुसार सभी को तत्काल परिसर में वापस नहीं बुलाया जाएगा. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूल जाने का विकल्प दिया गया है, वैसे उनके पास ऑफलाइन कक्षाओं में पढ़ने का भी ऑप्शन है. स्कूल केवल उन छात्रों के लिए खुलेंगे जिनके पास ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच नहीं है या दूसरी प्रॉब्लम्स का सामना कर रहे हैं.
गाइडलाइन में बताया गया है कि कक्षा में सिटिंग अरेंजमेंट भी बदला जाएगा. यहां छात्र एक दूसरे से छह फिट की दूरी में बैठेंगे. इसलिए कुर्सी-मेज की दूरी 6 फीट होनी चाहिए. कक्षा में अन्य जरूरी गतिविधियों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. टीचिंग फैकल्टी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि पढ़ाई-लिखाई के दौरान छात्र और अध्यापक मास्क पहने हुए हों. छात्रों को आपस में लैपटॉप, नोटबुक, स्टेशनरी शेयर करने की इजाजत नहीं होगी.
सोमवार यानी 21 सितंबर से देशभर के स्कूल खुलने जा रहे हैं. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों में बच्चों की हेल्थ को लेकर गाइडलाइंस की घोषणा कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ट्विटर हैंडल पर गाइडलाइंस साझा की.स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोजीसर (SOP) जारी कर दिया है. टेक्निकल प्रोग्राम्स में कोर्स कराने वाले इन संस्थानों को 21 सितंबर से लैब खोलने की भी इजाजत मिल गई है.
विद्यालय परिसर के भीतर कमरों या खुली जगहों में एक्टिविटी कराई जाएं. इसके अलावा स्कूल में कुर्सियों, डेस्क आदि के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था की जाए. स्कूल में सैनिटाइजेशन के लिए टाइम स्लॉट बनाए जाएं.
COVID की जांच के लिए थर्मल गन, अल्कोहल वाइप्स या 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल और डिस्पोजेबल पेपर टॉवल, साबुन, आईईसी सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति प्रदान करें. किसी भी रोगग्रस्त व्यक्ति के ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करनी चाहिए. स्कूल प्रशासन पर्याप्त कवर किए गए डस्टबिन और कचरा डिब्बे की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
पर्सनल प्रोटेक्शन की चीजें जैसे फेस कवर, मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स आदि का बैकअप स्टॉक होना जरूरी है. ये सारी चीजें मैनेजमेंट ही टीचर्स और एम्प्लाई को उपलब्ध कराएगा. शिक्षण संकाय यह सुनिश्चित करेगा कि वे स्वयं और छात्र शिक्षण / मार्गदर्शन गतिविधियों के संचालन के दौरान मास्क पहनते हैं.
स्कूल के जिमनेजियम को भी स्वास्थ्य मंत्रालय की पूरी गाइडलाइन फॉलो करनी होगी. इसके अलावा स्वीमिंग पूल कहीं भी नहीं खुलेंगे. ये पहले की तरह ही बंद रहेंगे.
एयर-कंडीशनिंग और वेंटिलेशन के लिए सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस की सीमा में होनी चाहिए. इसके अलावा सापेक्ष आर्द्रता (relative humidity) 40-70% की सीमा में होनी चाहिए. क्लासरूम में ताजी हवा जरूरी है.
स्कूल असेंबली, स्पोर्ट्स व अन्य इवेंट में भीड़भाड़ पर सख्ती से रोक होगी. स्कूल को किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए शिक्षकों / छात्रों / कर्मचारियों को राज्य के हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर आदि भी बोर्ड पर डिस्प्ले करने होंगे.
एनसीईआरटी का सिलेबस फॉलो करने वाले 9वीं से 12वीं के बीच के सभी छात्रों के लिए ये कैलेंडर लागू होगा. इस कैलेंडर का उद्देश्य घर से पढ़ाई करने वाले छात्रों को टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का प्रयोग करके शिक्षा देना है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से ये अल्टरनेटिव कैलेंडर साझा किया गया है.
सभी परिसरों को फिर से खोलने से पहले पूरी तरह से सैनिटाइजेशन करना होगा. खासकर जिन परिसरों को COVID केंद्र बनाया गया था. उन परिसरों को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन वाले पदार्थों से साफ करना होगा.
जो स्कूल और कॉलेज कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं, वही सरकारी नियमों के अनुसार खुलेंगे. परिसरों के अंदर छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को रहने की अनुमति नहीं होगी. बुजुर्ग, गर्भवती माताएं, ज्यादा बीमारियों वाले लोग जो हाई रिस्क में हैं, उन्हें परिसर में नहीं बुलाया जाएगा.
कॉलेजों में प्रयोगशालाएं खुली होंगी. प्रशिक्षु छह फीट की दूरी से उपकरण इस्तेमाल करेंगे. इसके अलावा जिमनैजियम सीमित क्षमताओं के साथ खुले रहेंगे और कॉलेजों और स्कूलों में स्विमिंग पूल बंद रहेंगे. स्कूलों के लिए, सुबह की असेंबली की अनुमति नहीं दी जाएगी. छात्र आपस में कोई चीज शेयर नहीं कर पाएंगे.
अभी फिजिकल टीचिंग को लेकर न तो स्कूलों और न ही कॉलेजों को अनुमति दी गई है. दोनों की अभी ऑनलाइन शिक्षा जारी रखनी होगी और उन्हें एक हाइब्रिड मॉडल का पालन करना होगा. आधिकारिक नोटिस में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैंपसों में भीड़भाड़ से बचने के लिए स्कूलों और कॉलेजों दोनों को अपने एकेडमिक कैलेंडर को संशोधित करने के लिए कहा है.
केद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी टीचर्स से अपील की है कि वे घर पर भी खुद को सुरक्षित रखें और छात्रों को घर से सीखने में मदद करें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके लिए वे अपने मोबाइल फोन, एसएमएस, टेलीविजन, रेडियो और तमाम सोशल मीडिया टूल्स का इस्तेमाल करें.
शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए वैकल्पिक कैलेंडर लॉन्च कर दिया है. इस कैलेंडर में हफ्तेवार आठ हफ्ते का शेड्यूल दिया गया है. इस 8 हफ्ते के वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर को सीनियर सेकेंडरी स्टूडेंट्स के लिए एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा बनाया गया है.
बता दें कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने सोनीपत जिले के दो स्कूलों में ट्रायल के तौर पर बच्चों की क्लासेज लगवाना शुरू किया. इस प्रयोग के साथ ही स्कूलों के संचालन के लिए एक निर्धारित नियमावली भी बनाई गई थी, जिससे कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों को स्टूडेंट्स के लिए खोला जा सके.
प्रदेश में 9वीं से 12वीं तक की कक्षा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को स्वेच्छा से स्कूल आने की अनुमति दी गई है. प्रदेश सरकार ने स्कूल खोलने को लेकउ एक एसओपी जारी की है. सरकार ने कहा है कि एसओपी का अनुपालन पूरी सख्ती से कराया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा भी किया जाएगा.
झारखंड सरकार ने केंद्र की गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल स्कूलों के स्विमिंग पूल बंद रहेंगे और कोई असेंबली या स्पोर्ट्स ऐक्टिविटी भी नहीं होगी. क्लासेज में दो बच्चों के बीच 6 फीट की दूरी रखना जरूरी होगा.
30 सितंबर तक के लिए सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए हैं. वहीं पटना डीएम ने कंटेनमेंट जोन के बाहर क्लास 9 से 12वीं तक के स्कूल खोलने की इजाजत दे दी है. इसके लिए प्रशासन की ओर से एसओपी भी जारी कर दिया गया है.
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने एक बयान में कहा कि बढ़ते कोरोना मामलों के चलते 21 सितंबर से स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खुलने की संभावना बहुत ही कम है. स्कूलों को आंशिक रूप से कार्य करने की अनुमति इस महीने तो नहीं दी जा सकत. इसकी वजह हमारी प्राथमिकता में छात्रों की सुरक्षा सबसे ऊपर है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की इजाजत दे दी है लेकिन यूपी सरकार इसे लेकर अभी असमंजस में है. इसकी वजह प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस हैं.
कर्नाटक सरकार ने 21 सितंबर से स्कूल कॉलेज खोलने का फैसला लिया है, लेकिन ये आंशिक रूप से खुलेंगे. अधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल तो खोले जा रहे हैं, लेकिन स्टूडेंट्स पर स्कूल आने का कोई दबाव नहीं है. ये पूरी तरह से अभिभावकों की स्वेच्छा पर है कि वो भेजना चाहते हैं या नहीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 21 सितंबर से स्कूल खुलने के दौरान मंत्रालय की गाइडलाइन फॉलो करनी होगी. इसे देखते हुए दिल्ली के निजी स्कूलों ने 9वीं से 12वीं के छात्रों के माता-पिता से संपर्क करना शुरू कर दिया है. स्कूल अभिभावकों से रायशुमारी कर रहे हैं कि वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं या नहीं.
स्कूल प्रशासन की ओर से बायोमीट्रिक उपस्थिति के बजाय कॉन्टैक्ट लेस अटेंडेंस की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा 6 फीट के अंतर को दर्शाते हुए फर्श तैयार किया जा सकता है. इसी तरह, स्टाफ रूम, ऑफिस एरिया (रिसेप्शन एरिया सहित), और अन्य जगहों (मेस, लाइब्रेरी, कैफेटेरिया, आदि) में भी सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना जरूरी होगा.
कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी की गई हैं. नए एसओपी के अनुसार, स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते हैं. लेकिन ये उनकी स्वेच्छा पर है यानी अगर वे जाना चाहते हैं, तभी जाएं, उनपर स्कूल जाने का कोई दबाव नहीं है. इसके लिए पेरेंट्स की लिखित अनुमति जरूरी होगी.
गुजरात में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 21 सितंबर से स्कूल न खोलने का फैसला किया है. बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 21 सितंबर से देश भर में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने को कहा था. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम) जारी किया था. जारी गाइडलाइन के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार देश भर में स्कूल खोले जाने थे.