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वैक्‍सीन आने तक नहीं खुलेंगे दिल्‍ली के स्‍कूल: मनीष सिसोदिया 

Schools Reopen: दिल्‍ली में संक्रमण की स्थिति दोबारा बिगड़ती नज़र आ रही है, ऐसे में मनीष सिसोदिया ने स्‍कूल खोलने के सवाल पर कहा, "जब तक हमें वायरस के खिलाफ कोई वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक स्कूल (दिल्ली में) खुलने की संभावना नहीं है."

Manish Sisodia (File Photo) Manish Sisodia (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 25 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST
  • शिक्षा मंत्री ने 30 अक्टूबर को कहा था कि अगले आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे
  • राज्‍यों को स्‍कूल और कॉलेज खोलने को लेकर फैसला लेने का अधिकार है

Schools Reopen: दिल्‍ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा है कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण बंद राष्ट्रीय राजधानी के स्कूल तब तक फिर से खुलने की संभावना नहीं है, जब तक कोरोना की वैक्‍सीन उपलब्ध नहीं हो जाती. एजेंसी की खबर के मुताबिक, पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्‍होंने यह जानकारी दी. जब केंद्र सरकार ने इस वर्ष मार्च महीने में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्‍यापी लॉकडाउन लगाया था, तब से देशभर के स्‍कूल और कॉलेज बंद हैं और अब अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान राज्‍यों को स्‍कूल और कॉलेज खोलने को लेकर फैसला लेने का अधिकार है. 

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दिल्‍ली में संक्रमण की स्थिति दोबारा बिगड़ती नज़र आ रही है, ऐसे में मनीष सिसोदिया ने स्‍कूल खोलने के सवाल पर कहा, "जब तक हमें वायरस के खिलाफ कोई वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक स्कूल (दिल्ली में) खुलने की संभावना नहीं है." उन्होंने 30 अक्टूबर को घोषणा की थी कि अगले आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे. उन्‍होंने कहा था कि अभिभावक अभी तक अपने बच्‍चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं जिसके चलते ये फैसला लिया जा रहा है. 

उन्‍होंने कहा था, “हम माता-पिता से प्रतिक्रिया प्राप्त करते रहते हैं कि वे वास्तव में चिंतित हैं कि क्या स्कूलों को फिर से खोलना सुरक्षित है या नहीं. जहां कहीं भी स्कूल फिर से खुल गए हैं, वहां बच्चों के बीच COVID-19 मामले बढ़ गए हैं, इसलिए हमने फैसला किया है कि अब राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे तथा अगले आदेश तक सभी स्‍कूल बंद रहेंगे." संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. हालांकि, अलग-अलग 'अनलॉक' चरणों में कई प्रतिबंधों को कम कर दिया गया है, लेकिन शिक्षण संस्थान अभी भी अधिकांश राज्‍यों मे बंद ही रखे जा रहे हैं.

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